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Madhya Pradesh: नए साल में महाकाल का आशीर्वाद लेने 5 लाख श्रद्धालु पहुंच सकते है उज्जैन

मध्य प्रदेश के उज्जैन में प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में नए साल के अवसर पर महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए शनिवार से सोमवार तक तीन दिन में करीब पांच लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

02:09 PM Dec 31, 2022 IST | Desk Team

मध्य प्रदेश के उज्जैन में प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में नए साल के अवसर पर महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए शनिवार से सोमवार तक तीन दिन में करीब पांच लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

madhya pradesh  नए साल में महाकाल का आशीर्वाद लेने 5 लाख श्रद्धालु पहुंच सकते है उज्जैन
मध्य प्रदेश के उज्जैन में प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में नए साल के अवसर पर महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए शनिवार से सोमवार तक तीन दिन में करीब पांच लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।मंदिर के सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी ने कहा, ‘‘हम शनिवार, रविवार और सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर में पांच लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि लोग भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेकर अपने नए साल की शुरुआत करना चाहते हैं।’’
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मंदिर प्रशासन दिन-रात कर रहा है काम 
महाकालेश्वर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर पवित्र क्षिप्रा नदी के किनारे स्थित है।तिवारी ने कहा, ‘‘दुनिया के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं। भक्तों को प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले ‘बेसन के लड्डू’ का उत्पादन दोगुना करने के लिए मंदिर प्रशासन दिन-रात काम कर रहा है।’’उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को मंदिर में आसानी से प्रवेश और निकास मिले, इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
आपात स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा टीम 
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तिवारी ने कहा, “इसके अलावा, मंदिर और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। भक्तों को परामर्श देने के लिए छह सहायता केंद्र बनाए गए हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा टीम और एम्बुलेंस का प्रबंध किया गया है।”उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को अपने जूते, मोबाइल, बैग आदि चीजें रखने की सुविधा देने के लिए मंदिर के बाहर काउंटर बढ़ा दिए गए हैं। भक्तों के लिए पेयजल और शौचालय की व्यवस्था भी की गई है।महाकालेश्वर मंदिर में तड़के चार बजे से सुबह छह बजे तक भस्म आरती का आयोजन किया जाता है। मंदिर रात दस बजे तक श्रद्धालुओं के प्रवेश के लिए खुला रहता है और पूजा के बाद रात को 11 बजे बंद हो जाता है।
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