मध्य प्रदेश: मदरसों में हिंदू बच्चों को कुरान पढ़ाने का मामला, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जारी किया नोटिस
मध्य प्रदेश के मदरसों में हिंदू बच्चों को पढ़ाने का मामला सामने आया है। इस पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य के शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने मीडिया को बताया है कि हमें शिकायत मिली थी कि मुरैना-शिवपुरी के अंचल में हिंदू बच्चों को मदरसों में दाखिल करके कुरान पढ़ाई जा रही है। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में यह भी आशंका व्यक्त की है कि यह हिंदू बच्चों के इस्लाम में धर्मांतरण का भी मामला हो सकता है।
राज्य सरकार को नोटिस जारी कर मांगी रिपोर्ट
इस शिकायत में यह भी कहा गया कि 500 से अधिक बच्चों के मदरसों के दाखिले की जानकारी मिली। इसलिए मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर विस्तार से रिपोर्ट मांगी है। प्रियंक कानूनगो ने आगे कहा कि हमारा प्रारंभिक तौर पर मानना है कि मदरसों में हिंदू बच्चों का कोई काम नहीं होता है। मदरसे शिक्षा का केंद्र नहीं होते हैं। भारत के संविधान का अनुच्छेद 21(क) यह निर्देशित करता है कि राज्य सरकार बच्चों के लिए स्कूल बनाएगी, बच्चों को स्कूल में दाखिल करेंगे।
अवैध मदरसों में पढ़ रहे हिंदू बच्चे
ऐसे में सरकार द्वारा वित्त पोषित मदरसे में हिंदू बच्चों को रखना अपने आप में गंभीर रूप से अनियमितता प्रतीत होती है, क्योंकि शिक्षा का अधिकार कानून की धारा एक में मदरसों को शिक्षा का केंद्र न मानते हुए उन्हें इससे बाहर रखा गया है। सवाल यह है कि सरकारी फंड से मदरसे चलाना गलत है और उसमें हिन्दू बच्चों को दाखिल करना और भी गलत है। दरअसल, मुरैना के इस्लामनगर सहित अन्य जिलों के मदरसों में हिंदू बच्चों के प्रवेश का मामला सामने आया है। प्रदेश में 556 हिंदू बच्चे 27 से अधिक अवैध मदरसों में पढ़ रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने अगस्त 2024 में माना था कि मदरसों में इस्लामिक पढ़ाई हो रही है। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि कुरान और हदीस की तालीम दी जा रही है।