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मध्य प्रदेश : बांस के क्षेत्र में देश का नंबर एक राज्य, खेती को मिलेगी नई उड़ान

12:08 PM Sep 19, 2024 IST | Saumya Singh

मध्य प्रदेश : मध्य प्रदेश ने बांस संसाधनों के मामले में देशभर में शीर्ष स्थान हासिल किया है, जहां 1.84 मिलियन हेक्टेयर का बांस क्षेत्रफल है। भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 के अनुसार, इस राज्य का बांस क्षेत्रफल 18,394 वर्ग किलोमीटर है, जो कि भारत में बांस की खेती के लिए सबसे बड़ा क्षेत्र है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, और ओडिशा का स्थान है, जिनका क्रमशः 15,739, 13,526, और 11,199 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल है।

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Highlight : 

MP सरकार ने शुरू की 'बांस मिशन योजना'

मध्य प्रदेश में बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 'बांस मिशन योजना' शुरू की है, जिसके तहत नई तकनीक और प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत, राज्य में बांस आधारित उद्योगों का विकास किया जा रहा है, जिससे अधिक रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। पिछले पांच वर्षों में, राज्य सरकार ने 14,670 किसानों को वृक्षारोपण अनुदान दिया है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो रही है और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिल रहा है।

पर्यावरण संरक्षण और वनस्पति विकास में मिलेगी मदद

राज्य में बांस के विभिन्न प्रकार के क्षेत्र हैं, शुद्ध बांस का क्षेत्रफल 847 वर्ग किलोमीटर है, जबकि सघन क्षेत्र 4,046 वर्ग किलोमीटर, विरल क्षेत्र 8,327 वर्ग किलोमीटर, और पुनर्जनन क्षेत्र 3,245 वर्ग किलोमीटर है। यह सब मिलकर मध्य प्रदेश को बांस की खेती में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाते हैं। बांस के खेती में रुचि रखने वाले किसानों के लिए 25 से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान किया गया है, जिससे निजी क्षेत्र में बांस रोपण को प्रोत्साहित किया जा सके। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि इससे पर्यावरण संरक्षण और वनस्पति विकास में भी मदद मिलेगी।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

मध्य प्रदेश की यह सफलता न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो बांस संसाधनों के विकास और सतत कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देती है। बांस की खेती से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी। आगामी समय में, यदि बांस आधारित उद्योगों का विकास जारी रहा, तो मध्य प्रदेश बांस उत्पादन में देश का प्रमुख केंद्र बन सकता है। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा, बल्कि आर्थिक समृद्धि में भी योगदान देगा।

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