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मौनी अमावस्या हादसा: मृतकों की आत्माओं की शांति के लिए साधु-संतों द्वारा दी गई जलांजलि और तिलांजलि

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दौरान हुई भगदड़ की घटना एक दुखद त्रासदी थी…

07:23 AM Feb 11, 2025 IST | Shera Rajput

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दौरान हुई भगदड़ की घटना एक दुखद त्रासदी थी…

मौनी अमावस्या हादसा  मृतकों की आत्माओं की शांति के लिए साधु संतों द्वारा दी गई जलांजलि और तिलांजलि
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महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दौरान हुई भगदड़ की घटना एक दुखद त्रासदी थी, जिसमें कई निर्दोष श्रद्धालुओं की जान चली गई। इस घटना के बाद माघ पूर्णिमा के स्नान से पहले दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए जो तिलांजलि और जलांजलि दी गई, वह भारतीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए तिलांजलि दी गई

साधु-संतों और धार्मिक संस्थाओं द्वारा गंगा घाट पर मंत्रोच्चारण और तिलांजलि के माध्यम से दिवंगत आत्माओं के मोक्ष की प्रार्थना करना, यह दर्शाता है कि भारतीय संस्कृति में आध्यात्मिक शांति और पुनर्जन्म की अवधारणा कितनी गहरी है।

भगदड़ में 30 लोगों की मौत

भगदड़ में 30 लोगों की मौत और कई श्रद्धालुओं के घायल होने से यह घटना एक बड़ी चेतावनी भी है कि इस तरह के विशाल आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन पर और अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए।

बता दे कि माघ पूर्णिमा के स्नान से पहले मंगलवार को भारतवर्षीय धर्म संघ, स्वामी करपात्री फाउंडेशन, वैदिक कायाकल्प संस्थान द्वारा गंगा घाट पर पहुंचकर मंत्रोच्चारण किया गया।

हम यहां आने वाले लोगों से भी अपील करेंगे कि वह भी मृतकों को श्रद्धांजलि दें – अखिल भारतवर्षीय धर्म संघ

अखिल भारतवर्षीय धर्म संघ के महंत गुण प्रकाश चैतन्य ने कहा कि देश में अनूठा कार्य आज से नहीं बल्कि अनादिकाल से चला आ रहा है। मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर जो घटना घटित हुई थी, उन दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए आज तिलांजलि दी गई है। आज के दिन चतुर्दशी और पूर्णिमा का पावन पर्व शुरू हुआ है, इसी वजह से उन दिवंगत आत्माओं को जलांजलि और तिलांजलि दी गई, ताकि मृत आत्माओं को मोक्ष मिल सके। हम यहां आने वाले लोगों से भी अपील करेंगे कि वह भी मृतकों को श्रद्धांजलि दें।

इसके अलावा, महाकुंभ में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का जुटना भारतीय धर्म और आस्था की गहराई को दिखाता है। हालांकि, ऐसी भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को बेहतर प्रबंधन और तकनीकी उपाय अपनाने की आवश्यकता है।

स्नानार्थियों की संख्या 50-55 करोड़ के ऊपर

बता दें कि मंगलवार को सुबह 8 बजे तक करीब 50 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगाई, जिसके साथ ही महाकुंभ में स्नानार्थियों की संख्या 45 करोड़ पार हो गई। अभी महाकुंभ को 15 दिन और दो महत्वपूर्ण स्नान पर्व शेष हैं। पूरी उम्मीद है कि स्नानार्थियों की संख्या 50-55 करोड़ के ऊपर जा सकती है।

वही , इस महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी को हुई थी। इसका समापन 26 फरवरी को होगा।

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Shera Rajput

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