Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

Mahakumbh 2025: योगी सरकार के दिव्य, भव्य, स्वच्छ और नव्य कुंभ के मुरीद हुए विदेश से आए संत

महाकुंभ में विदेश से भी साधु-संतों के आने का सिलसिला तेज होता जा रहा है।

07:34 AM Dec 15, 2024 IST | Rahul Kumar Rawat

महाकुंभ में विदेश से भी साधु-संतों के आने का सिलसिला तेज होता जा रहा है।

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन के पहले महाकुंभ नगर में देश के कोने कोने से आए साधुओं के अलावा विदेश से भी साधु-संतों के आने का सिलसिला तेज होता जा रहा है। अखाड़ों की धर्म ध्वजा, नगर प्रवेश और कुंभ छावनी प्रवेश यात्रा की परंपरा में महाकुंभ पहुंचे इन विदेशी साधु संतों को भी महाकुंभ की नव्य व्यवस्था रास आ रही है। प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन की तिथि जैसे जैसे निकट आ रही है महाकुंभ क्षेत्र के अखाड़ा सेक्टर में साधु-संतों की मौजूदगी बढ़ती जा रही है।

Advertisement

विदेश से साधु-संतों के आने का सिलसिला तेज

देश विदेश से साधु-संतों की आवक होने लगी है। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा में शामिल होने आए विदेशी संतों को महाकुंभ रास आ रहा है। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर सोम गिरी उर्फ पायलट बाबा की जापानी शिष्या योग माता एवं महामंडलेश्वर कई जापानी साध्वी के साथ छावनी प्रवेश में शामिल हुईं। उनका कहना है कि जूना अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा से आगामी महाकुंभ के आयोजन का अंदाजा लगने लगा है। एयर कनेक्टिविटी से लेकर ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था अच्छी है। नेपाल से आई महिला संत और जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर हेमानंद गिरी का कहना है कि संतों का सौभाग्य है कि जिस प्रदेश में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, वहां के मुख्यमंत्री भी एक संत हैं।

महाकुंभ में डिजिलाइजेशन पर जोर

योगी जी की तरफ से जिस तरह भव्य और दिव्य महाकुंभ के आयोजन का संकल्प लेकर आयोजन की तैयारियां चल रही हैं, उससे सनातन धर्म का प्रचार प्रसार नेपाल सहित दुनिया के विभिन्न देशों में अब तेजी से हो रहा है। प्रदेश की योगी सरकार की प्राथमिकता प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप देने के साथ स्वच्छता और डिजिटलाइजेशन पर जोर दिया जा रहा है। विदेशी संत भी इससे खुश हैं। स्पेन से अखाड़ों के विभिन्न आयोजनों में हिस्सा लेने आईं जूना अखाड़े की अवधूत अंजना गिरी, जिनका पहले नाम एंजिला था, का कहना है कि पिछले 30 बरस से वह अपने गुरु के साथ लगातार महाकुंभ आती रही हैं।

श्रद्धालुओं के लिए पूर्व व्यवस्था का इंतजाम

लेकिन, इस बार महाकुंभ की अनुभूति अलग है। सैनिटेशन पर फोकस किया गया है, जिससे सभी जगह स्वच्छता है। इनफॉर्मेशन भी डिजिटल प्लेटफार्म पर मिल रही हैं, जिससे बाहर के देशों से आने वाले श्रद्धालुओं और टूरिस्ट के लिए आसानी हो गई है। फ्रांस से महाकुंभ में जूना अखाड़े के आयोजन में शामिल होने आए ब्रूनो गिरी कहना है कि महाकुंभ के आयोजन में वह पहले भी दो बार आए चुके हैं। लेकिन, इस बार शहर बदला बदला सा लगता है, उत्सव की अनुभूति होती है।

Advertisement
Next Article