टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलSarkari Yojanaहेल्थ & लाइफस्टाइलट्रैवलवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

पंजाब केसरी के कर्णधारों की याद में महामृत्युंजय मंत्र जाप

05:27 AM May 12, 2024 IST | Shera Rajput

आज बड़ी भावुकता और संवेदनाओं से भरा दिन है। 12 मई, 1984 को हमारे पूूज्य पिता जी (पिता ससुर) आदरणीय रोमेश चन्द्र जी ने अपने देश की एकता और अखंडता के लिए बलिदान दिया था। उस समय पंजाब में आतंकवाद अपनी चरम सीमा पर था। किसी का भी एक मिनट का भरोसा नहीं था। हमारे परिवार में पहले पूज्य दादा जी लाला जगत नारायण जी को शहीद कर दिया गया, फिर रोमेश जी और फिर अश्विनी जी (मेरे पति) पर आतंकवादी हमले हुए। यहीं सिलसिला नहीं रुका, लगातार हमारे कई अखबार के एजैंट और हाकर्स को अपनी जान गंवानी पड़ी। अश्विनी जी और सभी परिवार के सदस्यों ने लम्बी लड़ाई लड़ी। हम सब नार्मल जिन्दगी की कल्पना करना भी भूल चुके थे। यहां तक कि आदित्य बेटे को तीसरी कक्षा तक स्कूल भी नहीं भेजा। हमारा परिवार 2 हिस्सों में बंट चुका था। आधों ने पंजाब में रहकर मोर्चा सम्भाला और अश्विनी जी और मैंने दिल्ली का मोर्चा सम्भाला और पंजाब केसरी को देश के हर हिस्से में पहुंचाने के लिए बहुत मेहनत की तथा यह समाचार पत्र नेशनल बन गया। 18 जनवरी, 2020 को अश्विनी जी का समय से पहले मात्र 62 साल की उम्र में निधन हो गया। तब से पंजाब वालों ने पंजाब को सम्भाला और मैंने और मेरे तीनों बेटों ने पंजाब केसरी दिल्ल​ी को।
यह कार्यक्रम पिछले 20 सालों से 12 मई को जन कल्याण और हमारे वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य के​ लिए होता है, जिसमें वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब के सदस्य हिस्सा लेते हैं तथा जो बिस्तर पर हैं या आने में असमर्थ हैं उनके लिए सीधा प्रसारण होता है। इसी के साथ हम पंजाब केसरी के तीनों कर्णधारों को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हैं। यह मंत्र जाप बहुत शक्तिशाली होता है, जिसका एक आम व्यक्ति को अकेले बैठकर जाप करना मुश्किल होता है और जब सब मिल बैठकर इकट्ठे करते हैं तो इसका नजारा, इसका माहौल, इसकी पवित्रता ही अलग होती है। यह प्रार्थना मल्टीप्लाई होकर कई गुणा होकर सीधा ईश्वर के पास पहुंचती है। प्रसिद्ध भजन गायक इसे अपने अंदाज में करवाते हैं।
अश्विनी जी जब तक जीवित रहे इस मंत्र जाप का उच्चारण और इसका अर्थ सबको समझाते थे। इस दिन उनकी याद हर व्यक्ति को आती है। साथ ही उनकी निडर, निर्भीक पत्रकारिता की याद आती है और साथ ही साथ पंजाब केसरी के संस्थापक लाला जगत नारायण और रोमेश चन्द्र जी की भी बहुत याद आती है तथा इस दिन हमारे अन्दर एक नई ऊर्जा भरती है कि हम सब उनके दिखाए मार्ग पर चलेंगे।
जब मंत्र जाप होता है तभी एक तरह की ओढ़नी ओढ़ते हैं ताकि सभी एक लगें, कोई बड़ा-छोटा नहीं, कोई किसी का धर्म अलग नहीं, सभी एक ही भक्ति भाव से जुड़े होते हैं और सभी का एक ही धर्म होता है मानवता। इसकी मिसाल आपको गेट पर प्रवेश करते ही मिल जाती है। जब सभी धर्मों के लोग वरिष्ठ नागरिकों का स्वागत करते हैं। हमारी भारतीय संस्कृति, संस्कार विभिन्नता में एकता झलकती है। चलो आओ सभी मिलकर पंजाब केसरी के कर्णधारों को नमन करें, जो आने में असमर्थ हैं, वो घर बैठे ही करें या इस प्रोग्राम को लाइव पंजाब केसरी डॉट कॉम पर देखें। साधना चैनल और एमएच-1 पर भी इसे दिखाया जाएगा। आज के दिन हम प्रतिज्ञा करें कि हम देश की एकता, अखंडता को कायम रखेंगे, क्योंकि हमारा भारत देश बहुत आगे बढ़ रहा है, तरक्की कर रहा है, विश्व में बड़ा नाम हो रहा है, कोई भीतरघात न कर सके, कोई विदेशी ताकतें इसे नाकाम न करें क्योंकि-
‘‘अब कोई गुलशन न उजड़े
अब वतन आजाद है।’’

Advertisement

Advertisement
Next Article