Maharashtra: भाजपा का तगड़ा एक्शन, इन 16 बागी नेताओं को 6 साल के लिए दिखाया बाहर का रास्ता; लगाया ये बड़ा आरोप
Maharashtra BJP: महाराष्ट्र के वाशिम नगर परिषद के चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने संगठनात्मक अनुशासन को लेकर बड़ा कदम उठाया है। पार्टी नेतृत्व के निर्देशों की अनदेखी करते हुए अधिकृत भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ नामांकन दाखिल करने वाले 16 बागी नेताओं और पदाधिकारियों को भाजपा ने छह वर्षों के लिए निलंबित कर दिया है। यह चुनाव 20 दिसंबर को होने जा रहा है।
BJP News: भाजपा के जिलाध्यक्ष चितलांगे ने की बड़ी कार्रवाई

बता दें कि यह सख्त कार्रवाई भाजपा के जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम चितलांगे ने की है। उन्होंने कहा कि पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ना अनुशासनहीनता है और ऐसी पार्टी विरोधी गतिविधियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संगठन की मजबूती और पार्टी की एकजुटता बनाए रखने के लिए यह निर्णय लेना जरूरी हो गया था। निलंबन की कार्रवाई जिला से लेकर शहर स्तर तक के कई पदाधिकारियों पर हुई है। इनमें महिला मोर्चा, युवा मोर्चा और विभिन्न प्रकोष्ठों से जुड़े नेता भी शामिल हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार इन नेताओं को पहले अनुशासन में रहने की हिदायत दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ नामांकन दाखिल किया।
BJP Expelled 16 Rebel Leaders From Party: इन नेताओं पर गिरी गाज
निलंबित किए गए नेताओं में जिला सचिव करुणा कल्ले, महिला मोर्चा की जिला महामंत्री छाया पवार, पूर्व नगरसेवक प्रभाकर काले, पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष वैभव उलेमाले, राजेश विश्वकर्मा, आशा खटके, गजानन ठेंगडे, पूर्व जिला उपाध्यक्ष धनंजय हेंद्रे, वाशिम शहर उपाध्यक्ष संगीता पिंजरकर, मदन राठी, मुकेश चौधरी, अनंत रंगभाल, उत्तर आघाड़ी प्रकोष्ठ प्रमुख सावंतसिंह ठाकूर, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सेल के प्रमुख सचिन पेंढारकर, महिला शहर उपाध्यक्ष अनिता इंगोले और गजू लांडगे शामिल हैं।
Maharashtra BJP: पार्टी ने आगे के लिए भी दी कड़ी चेतावनी

वहीं भाजपा नेतृत्व ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई अंतिम नहीं है। यदि भविष्य में कोई भी नेता या कार्यकर्ता पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाया गया, तो उसके खिलाफ इससे भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पार्टी ने सभी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे संगठन के निर्णयों का सम्मान करें और अधिकृत उम्मीदवारों के पक्ष में एकजुट होकर काम करें। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, नगर परिषद चुनाव से ठीक पहले की गई यह कार्रवाई पार्टी संगठन को मजबूत करने और अनुशासन बनाए रखने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।
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