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महाराष्ट्र में मंगलवार को मराठा आरक्षण बिल पास हो गया। इसके बाद भी मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने अपने गृह जनपद जालना में भूख हड़ताल जारी रखी है। जारांगे ने प्रमुख मराठा समुदाय के लिए आरक्षण प्रदान करने के कदम का स्वागत किया।
आपको बता दें मराठा आरक्षण को लेकर शिंदे सरकार ने विशेष सत्र बुलाया था। महाराष्ट्र विधानसभा के दोनों सदनों में मराठा आरक्षण बिल पास हो गया। इसमें मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरी में 10% आरक्षण देने का प्रावधान है, लेकिन यह आरक्षण की 50% सीमा के ऊपर है।इससे पहले 2018 में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने बैकवर्ड क्लासेस एक्ट 2018 पास किया था।
बता दें मनोज जारांगे मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उनकी मांग है कि महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को कुनबी माना जाए।मनोज जारांगे ने मंगलवार को कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि महाराष्ट्र सरकार इस समुदाय को 10 प्रतिशत या 20 प्रतिशत आरक्षण देती है, बल्कि यह आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत होना चाहिए, न कि अलग।
जारांगे ने कहा कि वह इंतजार करेंगे और देखेंगे कि क्या राज्य सरकार कुनबी मराठों के ‘खून के रिश्तों’ पर अपनी मसौदा अधिसूचना को कानून में बदलती है या नहीं और उसके बाद अपने आंदोलन के बारे में फैसला करेंगे। उन्होंने कहा, सरकार ने जो आरक्षण दिया है, उसका लाभ सिर्फ 100-150 मराठाओं को मिलेगा।