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महाराष्ट्र सरकार का बजट एक प्रकार का झुनझुना है : आनंद दुबे

महाराष्ट्र सरकार द्वारा पेश राज्य के बजट पर आनंद दुबे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

01:12 AM Mar 13, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

महाराष्ट्र सरकार द्वारा पेश राज्य के बजट पर आनंद दुबे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

महाराष्ट्र सरकार द्वारा पेस राज्य के बजट पर शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आनंद दुबे ने बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यह बजट एक प्रकार का झुनझुना है, जिसे आप बजा तो सकते हैं, लेकिन उसमें से आवाज नहीं आएगी। जिस प्रकार उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बजट पेश किया है, उससे जनता निराश है। लाडली बहन योजना का जो बजट 46 हजार करोड़ का था, उसे घटाकर 36 हजार करोड़ रुपये कर दिया। इस सरकार ने चुनावों के दौरान कहा था कि किसानों का कर्जा माफ करेंगे, प्रति वर्ष 15 हजार रुपये की मदद करेंगे। युवाओं को कहा था कि बेरोजगारों को 10 हजार रुपये भत्ता दिया जाएगा। इसकी बात बजट में नहीं की गई।

बजट पर आनंद दुबे ने उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि आशा वर्कर और आंगनवाड़ी में कार्यरत महिलाओं को जो सहूलियत देने का वादा किया गया था, इस बजट में नहीं देखने को मिला। अगर किसान की बात नहीं होगी, युवाओं की बात नहीं होगी, तो क्या फिर सिर्फ बात व्यापारी की होगी? होली का त्योहार सामने है। महिलाओं को 2,100 रुपये देने का वादा किया गया था, लेकिन नहीं दिया जा रहा है। इससे अच्छी सरकार तो महा विकास अघाड़ी की थी, जो किसानों के बारे में सोचती थी और युवाओं के लिए रोजगार लेकर आई। दुख की बात है कि अजीत पवार कहते हैं कि हमने महिलाओं को 2100 रुपये देने का वादा नहीं किया था। इससे सवाल यह उठता है कि क्या वह महायुति सरकार में हैं या नहीं।

होली को लेकर कानून-व्यवस्था सख्त

सरकार ने भले ही भारी-भरकम बजट पेश किया है, लेकिन लोगों की जेब में कुछ नहीं गया। मुंबई को कुछ नहीं मिला है। महाराष्ट्र की सरकार जनता की सेवक है या फिर उद्योगपति की? हम चाहते हैं कि अब जो बजट आएंगे, उम्मीद है कि जनता का बजट होगा। होली और जुम्मे पर छिड़े विवाद पर उन्होंने कहा कि हम सभी को शुभकामनाएं देते हैं। होली हमारे भाईचारे का त्योहार है। कानून-व्यवस्था कहीं भी बिगड़ती है, तो जिम्मेदार सरकार की होगी। हम किसी के बीच में नहीं जाएंगे, हमारे बीच में कोई न आए। देशवासियों से अपील करेंगे कि वे होली शांतिपूर्ण तरीके से मनाएं। जो होली नहीं खेलते हैं, वह बाधा न डालें।

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