JNU में दीवारों पर लिखे गए आपत्ति जनक नारे
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एक बार फिर विवाद उपजने लगे हैं। यहां विश्वविद्यालय की कई दीवारों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कश्मीर को लेकर आपत्तिजनक एवं विवादास्पद नारे लिखे पाये गये हैं। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन को अभी तक नारे लिखने वालों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। प्रशासन का कहना है कि ये नारे किसने लिखे और इसके पीछे पूरी योजना क्या है, फिलहाल इसकी जांच की जा रही है।
विश्वविद्यालय की दीवारों पर 'भगवा जलेगा
विश्वविद्यालय के छात्रों ने बताया कि यह मामला सबसे पहले रविवार सुबह तब उजागर हुआ जब कुछ छात्रों ने जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज की दीवारों पर विवादित नारे लिखे हुए देखे। यहां विश्वविद्यालय की दीवारों पर 'भगवा जलेगा', 'मोदी तेरी कब्र खुदेगी' जैसे आपत्तिजनक नारे लिखे गये थे। गौर से देखने पर पता चलता है कि नीली स्याही से लिखे विवादित वाक्य में लिखे नामों को बाद में लाल स्याही से ढका गया है। विश्वविद्यालय के छात्रों ने यहां लिखी आपत्तिजनक बातों की तस्वीर साझा की है। इन तस्वीरों में देखा जा सकता है किजेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज परिसर में दीवार पर 'फ्री कश्मीर' और 'आईओके (भारत अधिकृत कश्मीर)' जैसे आपत्तिजनक नारे भी लिखे हैं। कुछ अन्य स्थानों पर फर्श पर भी नीले पेंट से ये स्लोगन लिखे गए हैं।
पहले भी कई बार इस तरह की आपत्तिजनक नारेबाजी देखी गई
गौरतलब है कि जेएनयू की दीवारों पर इससे पहले भी कई बार इस तरह की आपत्तिजनक नारेबाजी देखी गई है। पिछले साल यहां की दीवारों पर जातिसूचक नारे लिख दिए गए थे। कुछ प्रोफेसरों के नेमप्लेट पर कालिख पोत दी गई थी। जेएनयू जहां एक और देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में शामिल है, वहीं यहां राजनीतिक विचारधाराओं का टकराव भी बहुत अधिक है। विश्वविद्यालय के छात्र अमित का कहना है कि पहले राजनीतिक विचारधाराओं पर टकराव सिर्फ बहस और चर्चाओं के दौरान देखने को मिलता था। लेकिन इस प्रकार की अभद्र भाषा और देश के खिलाफ की जाने वाली नारेबाजी मानसिक कुंठा को दर्शाती है। इससे पहले भी यहां ऐसे कई वाक्यात सामने आए हैं। इसी वर्ष फरवरी में विश्वविद्यालय के भीतर छत्रपति शिवाजी महाराज के पोर्ट्रेट को नुकसान पहुंचाया गया था। तब यहां छात्रों के दो गुटों के बीच हिंसा भी हुई थी। उससे पहले जनवरी 2023 में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर भी जेएनयू में काफी उठापटक हुई थी।