मनोज जरांगे की मांगों पर झुकी महाराष्ट्र सरकार! 8 में से 6 मांगों को मिली मजूरी, खत्म हुआ आंदोलन
Maharashtra News: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे नेता मनोज जरांगे की प्रमुख मांगों को महाराष्ट्र सरकार ने मान लिया है। इससे साफ हो गया है कि सरकार इस मुद्दे पर नरम रुख अपना रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री विखे पाटिल के नेतृत्व में मनोज जरांगे और उनके समर्थकों से बातचीत की, जिसमें छह अहम मांगें मान ली गईं।
Maharashtra News: सरकार ने 6 मांगों को दी मंजूरी
राज्य सरकार की ओर से आंदोलनकारियों से बातचीत के दौरान जरांगे की कुल 8 में से 6 मांगों को मान लिया गया। इनमें हैदराबाद गजेटियर की मान्यता भी शामिल है, जो मराठा समुदाय को आरक्षण के प्रमाण के रूप में मानी जाती है। इसके अलावा, जिन प्रदर्शनकारियों पर केस दर्ज हुए थे, उन्हें सितंबर के अंत तक वापस लेने का भी आश्वासन दिया गया है। सरकार ने साथ ही यह भी कहा है कि मराठा और कुनबी को एक ही वर्ग में घोषित करने के लिए उसे एक महीने का समय दिया जाए।

आपकी ताकत से जीत मिली: Manoj Jarange
सरकार की ओर से मांगे माने जाने के बाद, मनोज जरांगे ने अपने समर्थकों का धन्यवाद देते हुए कहा, “आप लोगों की ताकत से यह जीत संभव हुई है। अब जब हमारी मांगें मान ली गई हैं, तो हम खुशी-खुशी मुंबई छोड़ देंगे।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने उन्हें अब तक सिर्फ ड्राफ्ट (मसौदा) दिया है, जिसमें 8 में से 6 बिंदु स्वीकारे गए हैं।

Manoj Jarange: GR मिलने के बाद ही आंदोलन खत्म होगा
मनोज जरांगे ने साफ कहा है कि आंदोलन तभी खत्म किया जाएगा जब सरकार उनकी मांगों पर स्पष्ट सरकारी आदेश (GR) जारी करेगी। उन्होंने तीन अलग-अलग GR की मांग की है –
- सतारा के लिए अलग GR
- हैदराबाद गजेटियर के लिए अलग GR
- बाकी मांगों के लिए एक अलग GR
- जरांगे का कहना है कि जैसे ही GR मिलेंगे, उसी वक्त आंदोलन खत्म कर दिया जाएगा और गुलाल उड़ाकर जश्न मनाया जाएगा।

Manoj Jarange News: हमें दोष न दें, जुर्माना वापस लें
जरांगे ने कहा कि मुंबई के रास्तों पर जाम या असुविधा के लिए उन्हें दोष न दिया जाए। इसके अलावा, जो गाड़ियों पर ₹5000 का जुर्माना लगाया गया है, उसे भी तुरंत वापस लिया जाए। सरकार ने यह मांग भी मान ली है।
कोर्ट में जरांगे के वकील ने दी जानकारी
मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें जरांगे के वकील सतीश मानेशिंदे ने बताया कि 90% प्रदर्शनकारी पहले ही मुंबई छोड़ चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जरांगे ने सभी वाहनों को हटाने का आदेश दे दिया है। सुनवाई के दौरान यह भी संकेत मिला कि जल्द ही कैबिनेट सचिव और मनोज जरांगे की बैठक हो सकती है, जिससे इस मुद्दे का स्थायी समाधान निकल सकता है।
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