महाराष्ट्र : राज ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस के बीच हुई डेढ़ घंटे मुलाकात, बन सकते हैं नए समीकरण ?
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है वही , इस मुलाकात के बाद मनसे और बीजेपी के बीच संभावित गठबंधन की अटकलों का बाजार गर्म है
03:53 PM Jan 07, 2020 IST | Shera Rajput
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है वही , इस मुलाकात के बाद मनसे और बीजेपी के बीच संभावित गठबंधन की अटकलों का बाजार गर्म है, ऐसे में इस मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
Advertisement
कथित रूप से राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के बाद ही भाजपा से बातचीत शुरू कर दी थी। खबरों के अनुसार , दोनों की बैठक करीब डेढ़ घंटे तक हुई।
वही , अब इनके बीच क्या चर्चा हुई यह अभी तक सामने नहीं आया है। इन दोनों नेताओं के बीच होने वाली बातचीत को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में बीजेपी और मनसे एक साथ दिखाई दे सकते हैं।
ऐसा इसीलिए भी क्योंकि मनसे के नेता बाला नांदगांवकर भी यह स्पष्ट कर चुके हैं कि मनसे के सामने सभी विकल्प खुले हैं। राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है।
राजनीति जानकार का मानना हैं कि शिवसेना अब बीजेपी से अलग हो चुकी है तो उसे महाराष्ट्र में गठबंधन के दलों यानी कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी से मुकाबले के लिए मनसे की जरूरत पड़ सकती है।
यही नहीं महाराष्ट्र के पालघर में होने वाले जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव के दौरान वहां के बैनरों में बीजेपी और मनसे के नेताओं की तस्वीरें एक ही बैनर में लगी हुई थीं। इसमें पीएम मोदी और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे भी एक साथ थे।
वही , सूत्रों के मुताबिक राज ठाकरे अपनी पार्टी के झंडे का नीला रंग भी बदलकर भगवा करने जा रहे हैं।
आपको बता दें कि राज ठाकरे राज्य में गैर बीजेपी सरकार बनने के बाद उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने भी गए थे।
हालांकि जब विधानसभा में उद्धव सरकार का बहुमत परीक्षण हो रहा था तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के विधायक ने सरकार के पक्ष में वोट नहीं किया था। हालांकि उस वक्त मनसे विधायक राजू पाटिल तटस्थ रहे थे। यहां आपको बता दें कि तटस्थ रहने का मतलब किसी भी पक्ष में वोट नहीं डालना है।
Advertisement