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Maharashtra Political Crisis : सुप्रीम कोर्ट ने नवाब मलिक व अनिल देशमुख को शक्ति परीक्षण में भाग लेने की दी अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद राकांपा विधायकों-नवाब मलिक और अनिल देशमुख को महाराष्ट्र विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण में भाग लेने की बुधवार को अनुमति दे दी। शक्ति परीक्षण बृहस्पतिवार को होना है।

11:04 PM Jun 29, 2022 IST | Shera Rajput

सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद राकांपा विधायकों-नवाब मलिक और अनिल देशमुख को महाराष्ट्र विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण में भाग लेने की बुधवार को अनुमति दे दी। शक्ति परीक्षण बृहस्पतिवार को होना है।

maharashtra political crisis   सुप्रीम कोर्ट ने नवाब मलिक व अनिल देशमुख को शक्ति परीक्षण में भाग लेने की दी अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद राकांपा विधायकों-नवाब मलिक और अनिल देशमुख को महाराष्ट्र विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण में भाग लेने की बुधवार को अनुमति दे दी। शक्ति परीक्षण बृहस्पतिवार को होना है।
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न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे. बी. परदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि जांच एजेंसियां सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जेल में बंद राकांपा विधायकों मलिक और देशमुख को शक्ति परीक्षण के लिए विधानसभा लाएंगी और कार्यवाही समाप्त होने के बाद उन्हें वापस न्यायिक हिरासत में पहुंचा देंगी।
पीठ ने कहा, “हम याचिकाकर्ताओं को कल यानी 30 जून, 2022 को सुबह 11 बजे आहूत महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने की अनुमति देते हैं। आवेदक याचिकाकर्ता अभी प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामलों के तहत न्यायिक हिरासत में हैं, इसलिए दोनों एजेंसियों को निर्देश दिया जाता है कि याचिकाकर्ताओं को विधानसभा कक्ष तक ले जाया जाए और कार्यवाही समाप्त होने के बाद, आवेदकों को न्यायिक हिरासत में वापस पहुंचा दिया जाए।’’
पीठ ने महाराष्ट्र सरकार के वकील को न्यायालय अदालत आदेश से सभी संबंधित अधिकारियों को अवगत कराने का निर्देश दिया।
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सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुरुआत में मलिक और देशमुख के अनुरोध का विरोध करने की कोशिश की और कहा कि उन्होंने सर्वोच्च अदालत के पहले के आदेश को रिकॉर्ड में नहीं रखा है।
विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि यह रिकॉर्ड में है और विधान पार्षद (एमएलसी) चुनावों के संदर्भ में पारित किया गया था।
पीठ ने तब मेहता से कहा, ‘ यह कोई चुनाव नहीं है, यह सदन में शक्ति परीक्षण है। उन्हें भाग लेने दें, वे निर्वाचित विधायक हैं। अन्यथा, यह एक खतरनाक उदाहरण बनेगा क्योंकि तत्कालीन सरकार अपनी स्थिति का दुरुपयोग करने की कोशिश कर सकती है और विपक्षी नेताओं को जेल में डाल सकती है।’’
महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सर्वोच्च अदालत सामान्य समय के बाद भी बैठी तथा पीठ ने रात 9.15 बजे आदेश पारित करने के बाद मलिक और देशमुख की याचिकाओं का निपटारा किया।
इससे पहले अधिवक्ता सुधांशु एस चौधरी ने कहा कि दोनों विधायकों पर धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं और वे जेल में हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों नेता महाराष्ट्र विधानसभा में बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे होने वाले शक्ति परीक्षण में भाग लेना चाहते हैं।
चौधरी ने कहा कि वे मामले में हस्तक्षेप करने के अनुरोध वाली याचिका दायर कर रहे हैं, जिस पर शिवसेना नेता सुनील प्रभु की याचिका के बाद सुनवाई हो सकती है। प्रभु ने महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को बृहस्पतिवार को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने के लिए दिए गए निर्देश को चुनौती दी है।
पीठ ने कहा कि वह उनकी अर्जी पर शाम साढ़े पांच बजे सुनवाई करेगी।
शीर्ष न्यायालय ने 20 जून को मलिक और देशमुख की महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में वोट डालने के लिए जेल से अस्थायी रूप से रिहा करने के अनुरोध वाली याचिका ठुकरा दी थी।
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