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Maharashtra political crisis : ठाकरे सरकार विधानसभा में विश्वास मत हासिल करेगी - शरद पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी सरकार के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा और शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन विश्वास मत में बहुमत साबित करेगा।

12:06 AM Jun 24, 2022 IST | Shera Rajput

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी सरकार के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा और शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन विश्वास मत में बहुमत साबित करेगा।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी सरकार (एमवीए) के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा और शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन विश्वास मत में बहुमत साबित करेगा।
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शिवसेना सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना के कई विधायकों के विद्रोह के कारण हुई राजनीतिक उथल-पुथल के बीच एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, पवार ने यह भी कहा कि भाजपा ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के समक्ष उत्पन्न संकट में भूमिका निभाई है।
पवार ने कहा, ‘एमवीए सरकार के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा, न कि गुवाहाटी में (जहां विद्रोही डेरा डाले हुए हैं)। एमवीए सदन पटल पर अपना बहुमत साबित करेगा।’
वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या एमवीए अब अल्पमत में आ गया है, क्योंकि शिंदे के नेतृत्व वाले विद्रोही गुट ने शिवसेना के 37 विधायकों और 10 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा किया है।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि उन्हें शिवसेना के भीतर विद्रोह में भाजपा की भूमिका नजर नहीं आती, पवार ने कहा कि वह अपने भतीजे से सहमत नहीं हैं।
शरद पवार ने कहा, ”अजीत पवार ने ऐसा इसलिए कहा होगा, क्योंकि वह महाराष्ट्र के बाहर के भाजपा नेताओं को नहीं जानते हैं। मैं उन्हें जानता हूं। यहां तक ​​कि एकनाथ शिंदे ने भी कहा है कि एक राष्ट्रीय पार्टी ने उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।”
उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) कांग्रेस और राकांपा जैसे अन्य राष्ट्रीय दलों की एमवीए को अस्थिर करने में कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि शिंदे केवल भाजपा का जिक्र कर रहे थे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बागी विधायकों को मुंबई वापस आना होगा और विधानसभा का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि गुजरात और असम के भाजपा नेता उनका मार्गदर्शन करने के लिए यहां नहीं आएंगे।
पवार ने शिवसेना के बागी विधायकों के आरोपों का भी खंडन किया कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए धन प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना इसलिए करना पड़ा, क्योंकि वित्त मंत्रालय राकांपा के अजीत पवार द्वारा नियंत्रित है और उन्होंने उनके साथ भेदभाव किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये सब (महज) बहाने हैं, इनमें से कुछ विधायक केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच का सामना कर रहे हैं।’’
राकांपा प्रमुख ने छगन भुजबल के पार्टी बदलने के प्रकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि सभी बागी विधायकों को परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने याद दिलाया कि जब छगन भुजबल कांग्रेस में शामिल होने के लिए शिवसेना से अलग हो गए थे, तब नब्बे के दशक में, एक को छोड़कर उनके सभी समर्थक विधानसभा चुनाव हार गए थे। पवार ने कहा, ‘‘इन बागियों का भी यही हश्र होगा।’’
शिवसेना नेता संजय राउत के इस बयान पर कि शिवसेना एमवीए छोड़ने के लिए तैयार है, अगर विद्रोही नरम पड़ गए, पवार ने कहा कि उन्हें (बागियों को) मुंबई वापस लाने के लिए यह बयान दिया गया था।
पवार ने यह भी कहा कि एमवीए सरकार ने पिछले ढाई वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है, और गठबंधन को एक असफल प्रयोग कहना ‘राजनीतिक अज्ञानता’ होगा। पवार ने कहा कि 2019 में शिवसेना के भाजपा से नाता तोड़ लेने के बाद एमवीए सत्ता में आई थी।
पवार ने कहा, ‘‘जब बागी वापस आएंगे और बताएंगे कि उन्हें राज्य से कैसे निकाला गया, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस पक्ष के पास बहुमत है।’’
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