W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

Maharastra Politics : उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की याचिका पर 27 सितंबर को सुनवाई करेगा SC

उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने बुधवार को कहा कि वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की याचिका पर 27 सितंबर को सुनवाई करेगी।

02:54 PM Sep 07, 2022 IST | Desk Team

उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने बुधवार को कहा कि वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की याचिका पर 27 सितंबर को सुनवाई करेगी।

maharastra politics   उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की याचिका पर 27 सितंबर को सुनवाई करेगा sc
उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने बुधवार को कहा कि वह उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की याचिका पर 27 सितंबर को सुनवाई करेगी।याचिका में निर्वाचन आयोग से, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के उसे ही ‘‘असली’’ शिवसेना मानने और पार्टी का चुनाव चिह्न उन्हें देने के दावे पर निर्णय करने से रोकने का अनुरोध किया गया है।
Advertisement
न्यायमूर्ति डी. वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कहा कि वह कुछ महीने पहले महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक संकट के संबंध में (विधानसभा के) अध्यक्ष/ उपाध्यक्ष और राज्यपाल की शक्ति से संबंधित दोनों पक्षों द्वारा दायर याचिकाओं से उत्पन्न सभी मुद्दों पर सुनवाई के लिए समय-सीमा तय करते हुए निर्देश पारित करेगी।
 मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया 
पीठ उस संकट से संबंधित लंबित मामलों की सुनवाई कर रही है, जिसके कारण राज्य की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी।मामले पर सुनवाई शुरू होते ही शिंदे गुट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने पीठ को बताया कि दूसरे पक्ष ने उनके आवेदन पर कोई भी निर्णय करने से निर्वाचन आयोग को रोकने के लिए मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया है।
Advertisement
पीठ में न्यायमूर्ति एम.आर. शाह, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा भी शामिल हैं।कौल ने कहा कि भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को कोई फैसला करने से रोका नहीं जा सकता और शीर्ष अदालत ने पहले भी निर्वाचन आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
 नोटिस जारी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं 
उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि तीन अगस्त को शीर्ष अदालत की एक पीठ ने मौखिक रूप से निर्वाचन आयोग को तत्काल कोई भी कार्रवाई करने से मना किया था।निर्वाचन आयोग की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा कि यह एक प्रक्रिया है, जब चुनाव चिह्न को लेकर कोई शिकायत आती है तो आयोग के पास दूसरे पक्ष को नोटिस जारी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है।उन्होंने कहा, ‘‘ इस मामले में भी हमने, दूसरे पक्ष को नोटिस जारी किया।’’दातार ने कहा कि कई रिकॉर्ड हैं और यदि प्रक्रिया जारी रहे तो यह उचित होगा। उन्होंने कहा कि भले ही विधायक अयोग्य घोषित हो जाएं, लेकिन फिर भी वे पार्टी के सदस्य बने रहेंगे।
uddhav thackeray eknath shinde shivsena dussehara rally maharashtra news - उद्धव  ठाकरे के सांसद और विधायक समेत फिर टूटेंगे 15 नेता, दशहरा रैली का भी छिन  सकता है मौका
 संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश 
सिब्बल ने कहा कि अगर कोई विधायक 10वीं अनुसूची के तहत स्वेच्छा से पार्टी की सदस्यता छोड़ देता है और विधानसभा से इस्तीफा नहीं देता तो उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है।न्यायमूर्ति शाह ने वकील से कहा कि 27 सितंबर की सुनवाई के लिए अपनी दलीलें बचाए रखें।शीर्ष अदालत ने 23 अगस्त को शिवसेना के दोनों धड़ों की विभिन्न याचिकाओं को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था।
 पीठ ने कहा था कि ये याचिकाएं संविधान की 10वीं अनुसूची से जुड़े कई अहम संवैधानिक मुद्दों को उठाती हैं, जिनमें अयोग्यता, अध्यक्ष तथा राज्यपाल की शक्तियां और न्यायिक समीक्षा शामिल है।अदालत ने निर्वाचन आयोग से शिंदे गुट की उस याचिका पर कोई आदेश पारित नहीं करने को कहा था, जिसमें उसने उसे ‘‘असली’’ शिवसेना मानने और पार्टी का चुनाव चिह्न देने का अनुरोध किया है।
Advertisement W3Schools
Author Image

Advertisement
×