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Maharashtra : धन शोधन मामले में 14 दिन के लिए बढ़ायी गई संजय राउत की न्यायिक हिरासत अवधि

शिवसेना सांसद संजय राउत की मुश्किलें बढ़ती ही जा रहीं है। मुंबई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को मुंबई की एक ‘चॉल’ के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के मामले में राउत की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिन के लिए और बढ़ा दी।

03:20 PM Sep 05, 2022 IST | Desk Team

शिवसेना सांसद संजय राउत की मुश्किलें बढ़ती ही जा रहीं है। मुंबई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को मुंबई की एक ‘चॉल’ के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के मामले में राउत की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिन के लिए और बढ़ा दी।

maharashtra   धन शोधन मामले में 14 दिन के लिए बढ़ायी गई संजय राउत की न्यायिक हिरासत अवधि
शिवसेना सांसद संजय राउत की मुश्किलें बढ़ती ही जा रहीं है। मुंबई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को मुंबई की एक ‘चॉल’ के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के मामले में राउत की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिन के लिए और बढ़ा दी।राउत  पर आरोप है कि उन्होंने अपने सह आरोपी प्रवीण राउत से कांदिवली में पात्रा चॉल की पुनर्विकास परियोजना से अपराध की आय प्राप्त की थी।
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राउत (60) को उपनगर गोरेगांव में पात्रा चॉल के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में धन शोधन रोकथाम कानून (PMLA) के तहत एक अगस्त को गिरफ्तार किया था।उन्हें सोमवार को उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर विशेष पीएमएलए न्यायाधीश एमजी देशपांडे की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने राउत की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए और बढ़ा दी।शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी राउत ने सभी आरोपों से इनकार किया है और अपने खिलाफ ईडी के मामले को ‘‘फर्जी’’ बताया है।
जानिए ! क्या है पूरा मामला 
पात्रा चॉल लैंड स्कैम की शुरूआत 2007 से हुई थी। इसमें 1000 करोड़ रुपए से अधिक के घोटाले का आरोप है।शिवसेना सांसद संजय राउत के दोस्त प्रवीण राउत इस मामले में आरोपी हैं। आरोप है कि महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डिवलपमेंट अथॉरिटी यानी MHADA के साथ प्रवीण राउत, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की मिलीभगत से घोटाले को अंजाम दिया गया। पात्रा चॉल में 3 हजार फ्लैट बनाए जाने थे। 672 फ्लैट चॉल के निवासियों को मिलने थे। प्राइवेट बिल्डरों को जमीन बेचने का आरोप है।
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