IT की जॉब छोड़कर जयंती ने साकार किया अपना सपना, अब 11 रेस्टोरेंट की हैं मालकिन
दनिया में ज्यादातर महिलाओं का शौक खाना बनाना होता है। लेकिन बहुत कम ऐसे लोग होते हैं जो अपने शौक को अपना कैरियर बना लेते हैं।
01:11 PM Aug 31, 2019 IST | Desk Team
दनिया में ज्यादातर महिलाओं का शौक खाना बनाना होता है। लेकिन बहुत कम ऐसे लोग होते हैं जो अपने शौक को अपना कैरियर बना लेते हैं। हर कोई अपना कैरियर अपने शौक को नहीं बना पाते हैं।
Advertisement
ऐसी ही एक जयंती नाम की महिला है जिसने अपनी गृहस्थी के साथ-साथ अपने सपने को पूरा करने का सोचा। जयंती ने अपने सपने को पूरा करने के लिए अपनी जॉब छोड़ दी। बता दें कि जयंती एक आईटी कंपनी में जॉब करती थी और अब वह 11 रेस्त्रां चलाती हैं।
मराठी परिवार की रहने वाली जयंती को खाना बनाने का यह गुण उन्हें विरासत में मिला है। महाराष्ट्रियन खाना बनाने में तो जयंती एक्सपर्ट हैं। जयंती ने अपने रेस्त्रां में कई मराठी डिश रखी हुई हैं। जैसे मिसल पाव, साबुदाना वड़ा, श्रीखंड पूरी और पोरन पोली यह सब हैं।
जब जयंती जॉब करती थीं तो उनके दोस्तों ने उन्हें रेस्त्रां खोलने का आइडिया दिया। बता दें कि जयंती अपने परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया साल 2006 में बस गई थीं। वहां पर एक आईटी कंपनी में जयंती ने जॉब की। शुरु से ही जयंती को खाने-पीने का बहुत शौक था लेकिन विदेश में जाने के बाद उन्हें भारतीय खाना नहीं मिलता था जिसे वह बहुत मिस करती थीं। इसके बाद ही उनके दोस्तों ने उन्हें रेस्त्रां का यह आइडिया दिया।
जयंती ने सोशल साइट पर अपना एक अकाउंट बनाया और उसके जरिए मोदक की डिलीवरी करनी शुरु की दी। जयंती घर पर मोदक बनाती थीं और बाहर उनकी डिलीवरी करती थीं। कई लोगों ने उनके मोदक की तारीफ की जिसके बाद उन्होंने अपनी कुकिंग पर ध्यान दिया। बता दें कि जयंती बेंगलुरु तीन साल बाद ऑस्ट्रेलिया से वापस आ गईं थीं। बेंगलुरु में उन्हें दूसरी आईटी कंपनी में नौकरी मिल गई थी।
लेकिन नौकरी करने के बजाय जयंती ने अपने सपने को साकार करने केे बारे में सोचा और फैसला किया। महाराष्ट्र के कई व्यंजनों के बारे में पहले तो कई साल जयंती ने अच्छे से रिसर्च की। उसके बाद जयंती ने अपनी छोटी सी दुकान दोस्तों से पैसे उधार लेकर शुरु की।
जयंती को अपनी दुकान का खर्च उठाना था जिसके लिए उन्होंने नौकरी साथ में की। जयंती ने कुछ समय तक जॉब के साथ काम संभाला था। एक दिन जयंती की ये मेहनत रंग लाई और उन्होंने पूर्णब्रम्ह नाम की एक कंपनी खोल ली। कई देशों में जयंती की प्रतिष्ठा बहुत अच्छी है। अब बात करें तो जयंती के इस समय 11 रेस्त्रां हैं।
Advertisement