Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

भोलेनाथ के इन गुणों को अपनाएं, योद्धाओं जैसा बनेगा व्यक्तित्व

01:42 PM Mar 08, 2024 IST | Aastha Paswan

Mahashivratri 2024: भगवान शिव के व्यक्तित्व से उनके कुछ गुणों को अपना लिया जाए तो जीवन में आने वाली हर कठिनाई का सामना एक कुशल योद्धा के रूप में कर पाएंगे। इस महाशिवरात्रि के मौके पर भोलेनाथ के गुणों के बारे में जानिए, जिसे अपने व्यक्तित्व में शामिल करके आदर्श जीवन जी सकते हैं।

Highlights

महाशिवरात्रि का पर्व माता पार्वती और भगवान शिव के विवाह के उपलक्ष्य में मनाते हैं। भगवान भोलेनाथ ने गृहस्थ जीवन जिया, साथ ही संस्यासी की तरह भी रहे। शरीर पर कपड़ों की जगह जानवरों की खाल, महलों में रहने की बजाए कैलाश पर्वत पर बर्फीले और सर्द माहौल में परिवार संग रहे। तरह-तरह के लजीज भोज की बजाए भांग धतूरा खाकर मस्त रहते। ऐसे हैं भोले भंडारी का जीवन। हालांकि सांसारिक चीजों से दूर रहने वाले भगवान शिव का व्यक्तित्व बहुत ही सरल माना जाता है। वह अपने भक्तों पर तुरंत खुश हो जाते हैं, तो वहीं रुष्ट भी बहुत जल्दी होते हैं।

Advertisement

एकाग्रता

इस ब्रह्मांड के सबसे बड़े योगी भगवान शिव को माना जाता है। हर परिस्थिति में खुद पर काबू रखना आसान नहीं होता लेकिन महादेव जब भी ध्यान पर बैठते तो दुनिया इधर से उधर हो जाए उनका ध्यान कोई भंग नहीं कर सकता है। उनके ध्यान को ही भंग करने के लिए एक बार देवताओं ने कामदेव को भेजा था।

नकारात्मकता के बीच सकारात्मकता

महादेव का एक गुण नकारात्मकता में रहते हुए भी सकारात्मक बने रहना है। जब समुद्र मंथन से विष बाहर आया तो सभी ने कदम पीछे कर लिए लेकिन महादेव ने स्वयं विष पिया। उनका यह गुण सिखाता है कि जीवन में नकारात्मकता आती है, लेकिन उससे गुजरते हुए सकारात्मक बने रहना चाहिए।

जीवन को खुलकर जीना

महादेव की जीवनशैली या उनके अवतारों को उन्होंने बिल्कुल अलग तरीके से जिया। कभी तांडव करते हुए नटराज हो गए तो कभी विष पीने वाले नीलकंठ, मां पार्वती को अपने में समाहित कर अर्धनारीश्वर हो गए तो कभी सबसे पहले प्रसन्न हो जाने वाले भोलेनाथ बन गए। अपने जीवन को खुलकर जिए, हर भावना को सही समय पर अभिव्यक्त करें।

बाहरी सुंदरता नहीं गुणों को चुनना

 

महादेव के संपूर्ण रूप को देखकर पता चलता है कि जिन चीजों को लोग अपने करीब देखना भी नहीं चाहते, उन्हें शिवजी ने बहुत सरलता से अपनाया है। गले में सर्पों की माला, शरीर पर भभूत, आसपास नंदी और भूतों की मंडली ये सब शिवजी के साथ हमेशा रहते हैं। इससे संदेश मिलता है कि दिखने में बुरा हकीकत में बुरा नहीं होता, बस उसे अपनाना होगा।

प्राथमिकता समझना

शिवजी के गुणों में से एक अपनी प्राथमिकताओं को समझना है और उनके अनुरूप कार्य करना है। महादेव अपने परिवार जैसे माता पार्वती, पुत्र कार्तिक और गणेश जी को प्राथमिकता देते हैं, साथ ही देवतागण और भक्तों को भी अपने जीवन में महत्व देते हैं।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Advertisement
Next Article