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ब्रिटेन में हुई नीलामी में 'महात्मा गांधी का चश्मा' दो करोड़ 55 लाख रूपये में बिका

ब्रिटेन के एक नीलामी घर द्वारा सोने की परत चढ़े एक चश्मे की 2,60,000 पौंड (करीब दो करोड़ 55 लाख रूपये) में नीलामी की गई जिसके बारे में माना जाता है कि इस चश्मे को महात्मा गांधी ने पहना था और उन्होंने इसे किसी को तोहफे में दिया था।

06:25 PM Aug 22, 2020 IST | Ujjwal Jain

ब्रिटेन के एक नीलामी घर द्वारा सोने की परत चढ़े एक चश्मे की 2,60,000 पौंड (करीब दो करोड़ 55 लाख रूपये) में नीलामी की गई जिसके बारे में माना जाता है कि इस चश्मे को महात्मा गांधी ने पहना था और उन्होंने इसे किसी को तोहफे में दिया था।

लंदन : ब्रिटेन के एक नीलामी घर द्वारा सोने की परत चढ़े एक चश्मे की 2,60,000 पौंड (करीब दो करोड़ 55 लाख रूपये) में नीलामी की गई जिसके बारे में माना जाता है कि इस चश्मे को महात्मा गांधी ने पहना था और उन्होंने इसे किसी को तोहफे में दिया था। इस चश्मे के 10,000 से 15,000 पौंड तक मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन ऑनलाइन नीलामी में बोली बढ़ती गई और अंततः छह अंकों पर रुकी। 
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ईस्ट ब्रिस्टल ऑक्शन्स के नीलामीकर्ता एंडी स्टोव ने शुक्रवार को बोली लगाने की प्रक्रिया का समापन करते हुए कहा, “अविश्वसनीय चीज का अविश्वसनीय दाम! जिन्होंने बोली लगाई उन सभी का धन्यवाद।” उन्होंने कहा, “इन चश्मों ने न केवल हमारे लिए नीलामी का कीर्तिमान बनाया है बल्कि यह ऐतिहासिक रूप से भी महत्वपूर्ण हैं। विक्रेता ने कहा था कि यह चीज दिलचस्प है लेकिन इसका कोई मूल्य नहीं है और यदि यह बिकने लायक न हो तो इसका निस्तारण कर दें।” 
स्टोव ने कहा, “मुझे लगता है, नीलामी का मूल्य देखकर उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा होगा। यह अद्भुत नीलामी थी। ऐसी जिसकी हम कल्पना करते हैं।” चश्मों के नए अनाम मालिक दक्षिण पश्चिमी इंग्लैंड के साउथ ग्लूसेस्टरशायर के मंगोट्सफील्ड के एक वृद्ध हैं जो अपनी बेटी के साथ मिलकर 2,60,000 पौंड का भुगतान करेंगे। 
विक्रेता के परिवार में यह चश्मा बहुत पहले से था। उनके पिता ने उन्हें बताया था कि उनके एक रिश्तेदार को यह तोहफे में मिला था जब वह दक्षिण अफ्रीका में 1910 से 1930 के बीच ब्रिटिश पेट्रोलियम में काम करते थे। 
चश्मों की प्रमाणिकता के बारे में स्टोव ने बताया, “विक्रेता ने जो कहानी बताई वह एकदम वैसी ही प्रतीत होती है जो जो उनके पिता ने उन्हें 50 साल पहले सुनाई थी।” 
माना जा रहा है कि दक्षिण अफ्रीका में शुरुआती वर्षों में गांधी जी के पास यही चश्मा था। 

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