Mahavtar Narsimha: थिएटर में लग रहे जयकारे, ये पांच सीन्स बने क्रेज की वजह
12:19 PM Aug 02, 2025 IST | Arpita Singh
एनिमेटेड माइथोलॉजिकल फिल्म Mahavtar Narsimha इन दिनों सिनेमाघरों में धूम मचा रही है। दर्शकों के बीच इस फिल्म का ऐसा क्रेज है कि लोग थिएटर में खड़े होकर जयकारे लगाने लगते हैं। डायरेक्टर अश्विन कुमार की ये फिल्म सिर्फ एक सिनेमैटिक अनुभव नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक उत्सव बन गई है।
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रोंगटे खड़े कर देेगें Mahavtar Narsimha के ये सीन्स
5 भाषाओं (कन्नड़, हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम) में रिलीज इस फिल्म ने कुछ ही दिनों में 56 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर ली है। इस आर्टिकल में जानिए वो 5 दमदार सीन जिन्होंने ऑडियंस को इमोशंस, थ्रिल और भक्ति के भाव से भर दिया।
1. नरसिम्हा का स्तंभ से प्रकट होना – रोंगटे खड़े कर देने वाला सीन
फिल्म का सबसे शक्तिशाली और चर्चित सीन है जब भगवान नरसिम्हा स्तंभ फाड़कर प्रकट होते हैं। उनकी दहाड़ इतनी ज़ोरदार होती है कि थिएटर हिल जाता है। यह सीन इतने भव्य और विजुअली दमदार तरीके से फिल्माया गया है कि दर्शकों की आंखें खुली की खुली रह जाती हैं। जय श्री नरसिम्हा की गूंज के साथ ऑडियंस भी खुद को जयकारा लगाने से रोक नहीं पाती।
2. नरसिम्हा का विशालकाय रूप और दिव्य ट्रांसफॉर्मेशन
दूसरे सीन में भगवान नरसिम्हा का ट्रांसफॉर्मेशन दिखाया गया है, जहां वे मानव-शेर के रूप में विशालकाय अवतार में प्रकट होते हैं। इस सीन में जिस तरह से लाइटिंग, वीएफएक्स और म्यूजिक का मेल किया गया है, वो दृश्य एक अलौकिक अनुभव बन जाता है। यह सीन बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक को झकझोर देता है।
3. हिरण्यकश्यपु और नरसिम्हा का आमना-सामना – अहंकार का विनाश
तीसरे सबसे ज़ोरदार सीन में होता है हिरण्यकश्यपु और भगवान नरसिम्हा का आमना-सामना। हिरण्यकश्यपु का घमंड, उसका आतंक और उसकी शक्ति जब महावतार नरसिम्हा से टकराती है, तो वो पल थियेटर में बैठे हर दर्शक को सीट से उठा देता है। डायलॉग्स, बैकग्राउंड स्कोर और एनिमेशन इतने शक्तिशाली हैं कि पूरा माहौल थर्रा उठता है।
4. प्रह्लाद की भक्ति – भावुक कर देने वाला सीन
चौथे सीन में दिखाया गया है भक्त प्रह्लाद और भगवान नरसिम्हा के बीच का रिश्ता। प्रह्लाद की मासूमियत, उसकी श्रद्धा और उसका भगवान से अटूट विश्वास देखकर ऑडियंस की आंखें नम हो जाती हैं। यह सीन फिल्म में इमोशनल ग्रेविटी जोड़ता है और भक्ति का एक अलग ही एहसास कराता है।
5. मंदिर की सीढ़ियों पर नरसिम्हा का दहाड़ना – क्लाइमेक्स का महामोमेंट
फिल्म के आखिरी हिस्से में जब भगवान नरसिम्हा मंदिर की सीढ़ियों पर खड़े होकर दहाड़ते हैं, तो दर्शकों की रूह कांप उठती है। यह सीन क्लाइमैक्स को भव्यता की पराकाष्ठा पर ले जाता है। यहाँ म्यूजिक, साउंड इफेक्ट्स, एनिमेशन और कैमरा एंगल्स मिलकर ऐसा प्रभाव डालते हैं कि दर्शक अपने आप खड़े होकर जयकारे लगाने लगते हैं।
फिल्म क्यों बन गई है स्पेशल?
Mahavtar Narsimha सिर्फ एक फिल्म नहीं है, ये आध्यात्मिक एक्शन का महायज्ञ है। अश्विन कुमार ने इस फिल्म को बनाने में सिनेमैटिक क्रिएटिविटी, धार्मिक गहराई, और तकनीकी श्रेष्ठता का अद्भुत संतुलन रखा है।
•कहानी में संस्कृति और विज्ञान का मेल है।
•वीएफएक्स किसी हॉलीवुड स्तर के नहीं, बल्कि उससे भी बेहतर प्रतीत होते हैं।
•डायलॉग्स सीधे दिल को छूते हैं, खासकर नरसिम्हा के संवाद।
क्या आगे और कमाएगी फिल्म?
Mahavtar Narsimha ने शुरुआत से ही अच्छा परफॉर्म किया है और अब वर्ड ऑफ माउथ के जरिए इसकी रफ्तार और तेज हो गई है। धार्मिक फिल्मों को लेकर दर्शकों का लगाव और एनिमेशन का आधुनिक रूप दोनों इस फिल्म के फेवर में काम कर रहे हैं। आने वाले हफ्तों में 100 करोड़ क्लब में शामिल होना मुश्किल नहीं दिखता। Mahavtar Narsimha एक ऐसी फिल्म बनकर उभरी है जो ना सिर्फ एंटरटेन करती है, बल्कि दर्शकों के भीतर भक्ति, भाव और गर्व की भावना भी भर देती है।
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