महिला संवाद अभियान: बिहार में 2 करोड़ महिलाओं तक जागरूकता फैलाने की पहल
बिहार में 2 करोड़ महिलाओं तक पहुंचेगा महिला संवाद अभियान
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘महिला संवाद’ अभियान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य 2 करोड़ महिलाओं को जागरूक करना है। इस अभियान के तहत 50 प्रचार वाहन राज्य के विभिन्न प्रखंडों में भेजे गए हैं। महिलाओं से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए 600 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।साल अंत में होने वाले बिहार चुनावों के मद्देनज़र भी “महिला संवाद” अभियान बहुत अहम है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को “महिला संवाद” अभियान को हरी झंडी दिखाई। कार्यक्रम में नीतीश कुमार के अलावा उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री विजय चौधरी और श्रवण कुमार भी मौजूद थे। कार्यक्रम में 50 प्रचार वाहनों को राज्य के विभिन्न प्रखंडों के लिए रवाना किया गया। इस अभियान के जरिए बिहार सरकार महिलाओं से सीधा संवाद स्थापित करेगी। इस अभियान के तहत पहले दिन ही प्रदेश भर में 600 से ज्यादा कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। सरकार ने पूरे अभियान के जरिए 1.35 लाख से अधिक जीविका समूहों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। संवाद कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण नीति 2015, आरक्षण, शराबबंदी, बाल विवाह, दहेज उन्मूलन, जीविका कार्यक्रम, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, छात्रा पोशाक योजना सहित अनेक योजनाएं सम्मिलित हैं। साल अंत में होने वाले बिहार चुनावों के मद्देनज़र भी “महिला संवाद” अभियान बहुत अहम है।
हर दिन औसतन 1200 स्थानों पर सुबह और शाम में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे
“महिला संवाद” अभियान के तहत हर रोज पूरे प्रदेश में औसतन 1200 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सिर्फ राजधानी पटना में ही 1395 संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। संवाद कार्यक्रमों के जरिए सरकार का लक्ष्य महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी जागरूकता फैलाना है।
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चुनावों के दृष्टिकोण से “महिला संवाद” कितना महत्वपूर्ण
पिछले लगभग डेढ़ दशक से महिला सशक्तिकरण बिहार सरकार की प्राथमिकताओं में रहा है। शराबबंदी, लड़कियों के लिए साइकिल योजना और अब महिला संवाद भी इसी श्रृंखला का एक हिस्सा है। 2015 और 2010 के विधानसभा चुनावों में महिलाओं ने नीतीश कुमार की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ऐसे में बिहार सरकार इस योजना के जरिए महिलाओं को सशक्त करने के साथ पुरानी सरकारी योजनाओं की पुनरावृत्ति करवाने पर भी ज़ोर दे सकती है।