'समझौता करो नहीं तो करेंगे अटैक...', इजरायली हमले के बाद ईरान को ट्रंप की धमकी
ईरान पर इजरायली हमले के बाद ट्रंप की चेतावनी…
इजरायल ने ईरान पर बड़े सैन्य हमले किए, जिनमें ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को निशाना बनाया गया। इस ऑपरेशन में 200 विमानों का उपयोग किया गया और ईरान के 100 से अधिक स्थलों पर हमले किए गए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि यदि समझौते की प्रक्रिया में सहयोग नहीं किया तो परिणाम विनाशकारी होंगे।
इजरायल ने ईरान पर बड़ा सैन्य हमला किया। इस हमले में ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को निशाना बनाया गया. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे इजरायल के अस्तित्व के लिए आवश्यक कदम बताया। इजरायल ने इस हमले को ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ का नाम दिया, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को नष्ट करना था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस ऑपरेशन में इजरायली वायुसेना ने लगभग 200 विमानों का उपयोग करते हुए ईरान के 100 से अधिक सैन्य और परमाणु स्थलों पर हमले किए। इनमें तेहरान के आसपास के सैन्य ठिकाने, मिसाइल लॉन्चिंग साइट्स और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के आवास शामिल थे। हमले में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर जनरल होसैन सलामी और मोहम्मद बघेरी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मारे गए। इसके अलावा, परमाणु वैज्ञानिक फरेदुन अब्बासी और मोहम्मद मेहदी तेहरांची भी हमले में मारे गए। ई दौरान अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है।
डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के इस हमले के बाद ईरान को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि इजरायल के पास अत्याधुनिक और घातक सैन्य उपकरण हैं, और यदि ईरान ने समझौते की प्रक्रिया में सहयोग नहीं किया, तो परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि इजरायल के पास अमेरिकी निर्मित हथियारों का बड़ा भंडार है, और वे इनका उपयोग करने में सक्षम हैं। उन्होंने ईरान से समझौता करने की अपील की, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए।
बेंजामिन नेतन्याहू का बयान
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को इजरायल के अस्तित्व के लिए आवश्यक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को नष्ट करने के लिए किया गया था, जो इजरायल के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा, जब तक ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को पूरी तरह से नष्ट नहीं किया जाता।
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान ने इस हमले को युद्ध की घोषणा माना और इसकी कड़ी निंदा की। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की धमकी दी और कहा कि इस हमले का ईरान उचित जवाब देगा। इसके बाद, ईरान ने इजरायल की ओर ड्रोन हमले शुरू किए, जिन्हें इजरायल की वायु रक्षा प्रणाली ने नष्ट कर दिया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता का माहौल है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव कम करने की अपील की है। पेट्रोलियम बाजारों में भी इस हमले के बाद उथल-पुथल मची है, और तेल की कीमतों में वृद्धि देखी गई है।
इस हमले ने मिडिल ईस्ट में तनाव को और बढ़ा दिया है और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती प्रस्तुत की है। अब यह देखना होगा कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए कौन से कदम उठाए जाते हैं और क्या कोई कूटनीतिक समाधान निकलता है।