Top NewsindiaWorldViral News
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabjammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariBusinessHealth & LifestyleVastu TipsViral News
Advertisement

मेक इन इंडिया से FDI में वृद्धि, निवेश 500 अरब डॉलर तक पहुंचा

डिजिटल इंडिया और पीएलआई स्कीम से एफडीआई में तेजी

05:23 AM Jun 05, 2025 IST | IANS

डिजिटल इंडिया और पीएलआई स्कीम से एफडीआई में तेजी

भारत ने 2014 से 2024 के बीच 500 अरब डॉलर से अधिक का एफडीआई प्राप्त किया है, जिसमें मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं का बड़ा योगदान है। इन योजनाओं ने भारत को वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक बनाया है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से वृद्धि हुई है।

भारत ने 2014 से 2024 के बीच 500 अरब डॉलर से भी ज्यादा का एफडीआई इक्विटी इनफ्लो प्राप्त किया है, जो कि इससे पहले के दशक में 208 अरब डॉलर था। प्रमुख उद्योग चैंबर एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने यह जानकारी दी। उन्होंने एक मीडिया आर्टिकल में लिखा कि इसमें 300 अरब डॉलर केवल 2019 से 2024 के बीच आए हैं, जो दिखाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था का तेज विकास वैश्विक निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।

कौन है तुषार सैनी? जो बने हरियाणा मुख्यमंत्री के मीडिया कोऑर्डिनेटर

नायर ने इकोनॉमिक टाइम्स में लिखे आर्टिकल में इस उछाल का श्रेय मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीमों को दिया है, जिससे न केवल व्यापार करने में आसानी हुई है, बल्कि भारत को क्लीन टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल ग्रोथ के केंद्र के रूप में भी स्थापित किया है।नायर ने बताया कि पिछले दशक में मैन्युफैक्चरिंग और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का पुनरुत्थान हुआ है। 2014 से अब तक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सेक्टर को 95 अरब डॉलर का एफडीआई मिला है, जबकि सर्विसेज (फाइनेंस और आईटी से लेकर आरएंडडी और कंसल्टेंसी तक) ने 77 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित किया है।

2014 में भारत में उपयोग होने वाले 75-80 प्रतिशत स्मार्टफोन आयात किए गए थे। पीएलआई योजना के कारण अब फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन के माध्यम से एप्पल जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियां अब भारत में आईफोन असेंबल कर रही हैं। स्मार्टफोन निर्यात बढ़कर 21 अरब डॉलर हो गया है। नायर ने कहा कि वैश्विक निवेशक भारत के ग्रीन एनर्जी सेक्टर में भी बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं। रिन्यूएबल एनर्जी से लेकर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी तक भारत तेजी से ग्लोबल क्लीन-टेक वैल्यू चेन में एक प्रमुख नोड बन रहा है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा पिछले महीने जारी डेटा के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का एफडीआई इनफ्लो बढ़कर 81.04 अरब डॉलर हो गया, जो वित्त वर्ष 2023-24 के 71.28 अरब डॉलर से 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।निवेशक-अनुकूल नीति के कारण पिछले 11 वर्षों में देश में एफडीआई के वार्षिक इनफ्लो में लगातार वृद्धि हुई है। यह वित्त वर्ष 2013-14 में 36.05 अरब डॉलर था। मौजूदा समय में देश के अधिकांश सेक्टर्स ऑटोमेटिक रूट से 100 प्रतिशत एफडीआई के लिए खुले हैं।

Health Tips : मेंटल हेल्थ के लिए बेहद खतरनाक है, अकेलापन

Advertisement
Advertisement
Next Article