किसान आंदोलन सिर्फ एक राज्य का मसला, खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है BJP नहीं : तोमर
कृषि मंत्री ने कहा कि वह पिछले दो महीनों से किसान यूनियनों से सवाल कर रहे हैं कि वे बताएं कि कानून में ‘काला’ क्या है? उन्होंने मौजूदा आंदोलन को एक राज्य का मसला करार दिया और कहा कि किसानों को बरगलाया जा रहा है।
01:36 PM Feb 05, 2021 IST | Desk Team
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केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा में नए कृषि कानूनों का बचाव करते हुए इन्हें किसानों के जीवन में क्रातिकारी बदलाव लाने वाला करार दिया। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि नए कानूनों को लेकर लोगों को बरगलाया जा रहा है और मौजूदा आंदोलन सिर्फ एक राज्य का मामला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं और नए कानूनों का मकसद किसानों की आय में वृद्धि करना है।
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नए कानूनों में ऐसे कोई प्रावधान नहीं हैं जिनसे किसानों की जमीन छिन जाने का खतरा हो
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तोमर ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को एक राज्य का मसला बताया और कहा कि नए कानूनों में ऐसे कोई प्रावधान नहीं हैं जिनसे किसानों की जमीन छिन जाने का खतरा हो। तोमर ने राज्यसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुयी चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विपक्षी नेता नए कानूनों को काला कानून बता रहे हैं लेकिन वे यह नहीं बता रहे हैं कि इसमें गड़बड़ी क्या है।
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किसान यूनियनों से सवाल- वे बताएं कि कानून में ‘काला’ क्या है?
कृषि मंत्री ने कहा कि वह पिछले दो महीनों से किसान यूनियनों से सवाल कर रहे हैं कि वे बताएं कि कानून में ‘काला’ क्या है? उन्होंने मौजूदा आंदोलन को एक राज्य का मसला करार दिया और कहा कि किसानों को बरगलाया जा रहा है। तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को बहुआयामी बनाया है।
सब मोदी जी की सरकार ने किया है पिछली सरकारों ने तो कुछ भी नहीं किया, विपक्ष का आरोप लगाना उचित नहीं है
उन्होंने कहा कि कई बार विपक्ष की तरफ से ये बात सामने आती है कि आप कहते हैं कि सब मोदी जी की सरकार ने किया है पिछली सरकारों ने तो कुछ भी नहीं किया। मैं इस मामले में ये कहना चाहता हूं कि इस प्रकार का आरोप लगाना उचित नहीं है।
प्रतिपक्ष ने आंदोलन के लिए सरकार को जो कोसना आवश्यक था उसमें भी नहीं की कंजूसी  
तोमर ने कहा कि मोदी जी ने सेंट्रल हॉल में अपने पहले भाषण में और 15 अगस्त में भी उन्होंने कहा था कि मेरे पूर्व जितनी भी सरकारे थी उन सबका योगदान देश के विकास में अपने-अपने समय पर रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की और आंदोलन के लिए सरकार को जो कोसना आवश्यक था उसमें भी कंजूसी नहीं की और कानूनों को जोर देकर काले कानून कहा।
भारत सरकार कानूनों में किसी भी संशोधन के लिए तैयार है
उन्होंने कहा कि भारत सरकार कानूनों में किसी भी संशोधन के लिए तैयार है इसके मायने ये नहीं लगाए जाने चाहिए कि कृषि कानूनों में कोई गलती है। पूरे एक राज्य में लोग गलतफहमी का शिकार हैं। किसानों को इस बात के लिए बरगलाया गया है कि ये कानून आपकी जमीन ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है। खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है, भारतीय जनता पार्टी खून से खेती नहीं कर सकती।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री तोमर ने यूपीए सरकार में शुरू की गई महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा को लेकर विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा कि मनरेगा के बारे में कहा जाता है कि ये गड्ढा खोदने की योजना है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार में जब यह योजना शुरू की गई थी तो गड्ढा खोदने की ही योजना थी, मगर मौजूदा सरकार ने उसे बहुआयामी बनाया। तोमर ने कहा की आज मनरेगा ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार देने वाली योजना नहीं है बल्कि इसके इसके तहत बुनियादी संरचनाओं का भी निर्माण हो रहा है।

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