ममता के मंत्री ने Murshidabad हिंसा पर दिया बयान, बवाल के बीच कहा-सब कुछ ठीक
हिंसा के बीच ममता के मंत्री का दावा: मुर्शिदाबाद में सब सामान्य
मुर्शिदाबाद हिंसा के बीच तृणमूल कांग्रेस के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि स्थिति सामान्य है। इस बयान के बाद राज्य में और अधिक बवाल मच गया है, क्योंकि हिंसा के चलते हजारों हिंदू पलायन कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में पिछले कई दिनों से वक्फ कानून पर बवाल मचा हुआ है। राज्य के मुर्शिदाबाद हिंसा मामले में सीएम ममता बनर्जी के मंत्री फिरहाद हकीम ने एक विवादित बयान दिया है। तृणमूल कांग्रेस नेता का बयान उस समय आया है जब बंगाल में हिंसा के बीच हजारों की संख्या में हिंदू पलायन होने पर मजबूर है। ऐसे में नेते के इस बयान पर बवाल मचना शुरू हो गया है।
वीडियो हो रहा वायरल
बता दें कि एक वायरल वीडियो में तृणमूल कांग्रेस नेता विस्थापन के बारे में मीडिया के सवाल पर कह रहे हैं, ‘बंगाल में सब कुछ ठीक है, ऐसी कोई बात नहीं है, बंगाल सुरक्षित है, लोग बंगाल से बंगाल ही जा रहे हैं.” हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया है कि बंगाल में हिंसा होने के बाद हिंदू समुदाय अपना घर छोड़कर दूसरे जगह जाने पर मजबूर हो रहे हैं। वहीं मंत्री जी के इस अजीबोगरीब बयान के बाद बवाल शुरू हो गया है।
मुस्लिम नेता के बयान से घमासान
हालांकि ममता के मंत्री ने बंगाल की स्थिति को ठीक बताया तो दूसरी तरफ इस घटना को निंदनीय कहा। इस दौरान उन्होंने कहा कि पुलिस पता लगाएगी कि इस हिंसा के पीछे कौन था। उन्होंने कहा जो लोग हिंसा प्रभावित इलाके से अपना घर छोड़कर जा रहे हैं, वो बंगाल में ही जा रहे हैं। हालांकि बंगाल बीजेपी ने दावा किया कि मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा के बाद 400 से अधिक हिंदू परिवार अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।
अमित मालवीय ने खूब सुनाया
वहीं बीजेपी ने ममता के मंत्री के बयान पर पलटवार किया है। बीजेपी के IT सेल के चीफ अमित मालवीय ने ममता सरकार पर हमला बोला है। बीजेपी नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर जवाबी हमला बोला है। उन्होंने बंगाल छोड़ कर जा रहे हिंदुओं की तुलना कश्मीरी पंडितों से की है। उन्होंने कहा है कि ये लोग अपने ही देश में शरणार्थी बन गए थे।
यह विडंबना है
एक्स पर बीजेपी नेता ने आगे लिखा,”यह विडंबना है कि हाकिम जैसे लोग, जो सांप्रदायिक और भड़काऊ बयान देने के इतिहास वाले लोग हैं। अब कोलकाता के मेयर के प्रतिष्ठित पद पर, जिस पर कभी देशबंधु चित्तरंजन दास (1924 में इस पद पर आसीन होने वाले प्रथम भारतीय), सुभाष चंद्र बोस और अन्य विभूतियां रह चुकी हैं, उन्होंने इसे कोलकाता की परिष्कृत भद्रलोक संवेदनाओं के क्षरण का प्रतीक बताया।
Murshidabad violence: हिंदुओं को चुन-चुनकर बनाया गया निशाना, पीड़ित का बयान