W3Schools
For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, स्कूल भर्ती घोटाले में CBI जांच के आदेश पर लगी रोक

पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल भर्ती घोटाले में ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। स्कूल सर्विस कमिशन में हुए कथित भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी।

01:30 PM Nov 25, 2022 IST | Desk Team

पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल भर्ती घोटाले में ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। स्कूल सर्विस कमिशन में हुए कथित भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी।

ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत  स्कूल भर्ती घोटाले में cbi जांच के आदेश पर लगी रोक
पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल भर्ती घोटाले में ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। स्कूल सर्विस कमिशन में हुए कथित भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पश्चिम बंगाल के प्रिंसिपल सेक्रेटरी मनीष जैन की व्यक्तिगत पेशी पर भी रोक लगाई है। यहां बताना जरूरी है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्कूल भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए थे।
CBI के विशेष जांच दल SIT से दो अधिकारियों को हटाया था
बीते दिनों यानी 17 नवंबर को लकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में कथित स्कूल भर्ती घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी (CBI) के विशेष जांच दल (SIT) से दो अधिकारियों को हटा दिया था, और चार नए जांचकर्ताओं को इसमें शामिल किया था। अदालत ने एक उप महानिरीक्षक (DIG) को (SIT) का प्रमुख नियुक्त किया। यह मामला स्कूल सेवा आयोग द्वारा सहायता प्राप्त एवं सरकारी विद्यालयों में तृतीय और चतुर्थ समूह के कर्मचारियों और शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है।
हाईकोर्ट के जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने दिया था बड़ा बयान
हाईकोर्ट के जज अभिजीत गंगोपाध्याय ने पिछली सुनवाई में को कहा था कि सीबीआई इस मामले में बहुत धीमी गति से काम कर रही है और इसका कारण उसे ही बेहतर तरीके से पता है। उन्होंने कहा था कि पांच महीने पहले एसआईटी का गठन हो जाने के बावजूद चतुर्थ समूह में अवैध रूप से नौकरी पाने वालों के तौर पर नामजद 542 लोगों में से मात्र 16 से पूछताछ की गई है।
जांच की निगरानी कर रहे उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) और तीन निरीक्षकों को (SIT) में शामिल किया जाएगा। उसने एक (DSP) और एक निरीक्षक को टीम से हटाए जाने का निर्देश दिया था। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि जांच पूरी होने तक (DIG) सिंह को उसकी अनुमति के बिना (SIT) प्रमुख पद से नहीं हटाया जाना चाहिए।
Advertisement
Advertisement
Author Image

Advertisement
Advertisement
×