
दिल्ली में हुए कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट में नई चार्जशीट दाखिल की है। ईडी ने दावा किया है कि एक्साइज पॉलिसी से शराब कारोबारियों को फायदा हुआ और बदले में उन्हें 100 करोड़ रुपये रिश्वत देने के सबूत मिले हैं। जांच एजेंसी ने यह भी खुलासा किया है कि शराब घोटाले को अंजाम देने के लिए राजनेताओं, मंत्रियों और उनके सहयोगियों ने पैसे का इस्तेमाल किया। पैसे का एक हिस्सा गोवा में विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए भी इस्तेमाल किया गया था।
मनीष सिसोदिया ने एक दर्जन से अधिक फोन बदले
ईडी ने कहा कि आरोपियों और उनके सहयोगियों ने सबूत नष्ट करने की कोशिश की और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया ने एक दर्जन से अधिक फोन बदले। वे दूसरे लोगों के नाम से खरीदे गए सिम कार्ड का भी इस्तेमाल करते थे। ईडी का कहना है कि इससे इस बात के पुख्ता सबूत मिलते हैं कि आरोपी अपराध के लिए जिम्मेदार हैं।
सिसोदिया के सेकेट्री को CM के घर बुलाया था
ईडी का कहना है कि अरविंद, जो सिसोदिया के सचिव थे, ने उन्हें बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर बुलाया गया था, जहां उन्हें जीओएम रिपोर्ट का मसौदा दिया गया था। अरविंद, सत्येंद्र जैन और एक अन्य व्यक्ति सभी वहां थे। ED का कहना है कि GOM रिपोर्ट के मसौदे में निजी व्यवसायों को थोक व्यापार देने और 12% लाभ मार्जिन निर्धारित करने पर चर्चा नहीं की गई थी, लेकिन कैबिनेट में इस पर चर्चा नहीं की गई थी।
विजय नायर पर भरोसा करने के लिए कहने का आरोप
जांच एजेंसी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप संयोजक समीर महेंद्रू पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है। उन पर शराब कारोबारी समीर महेंद्रू से फोन पर बात करने और विजय नायर पर भरोसा करने के लिए कहने का आरोप है। माना जा रहा है कि विजय नायर ने फेसटाइम एप के जरिए उनसे बात करवाई थी।