दिल्ली शराब घोटाला केस में मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत, जानें कौन-सी मांग हुई मंजूर
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत दी है।
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री एवं आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने आबकरी नीति से जुड़े करप्शन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत की शर्तों में बदलाव की मांग को मंजूर कर लिया है। मनीष सिसोदिया की जमानत की शर्तों के मुताबिक उन्हें हफ्ते में दो बार जांच एजेंसियों के कार्यालय में हाजिरी लगानी पड़ती थी। कोर्ट ने सिसोदिया की अपील पर इस शर्त को हटा दिया है। वैसे, कोर्ट ने उनको कहा है कि वो नियमित रूप से ट्रायल में शामिल हों। सिसोदिया ने ट्वीट कर कोर्ट का आभार जताया है।
माननीय सुप्रीम कोर्ट का हृदय से आभार: सिसोदिया
सिसोदिया ने ट्वीट में लिखा- माननीय सुप्रीम कोर्ट का हृदय से आभार। उन्होंने जमानत की शर्त को हटाकर राहत दी। यह निर्णय न केवल न्यायपालिका में मेरी आस्था को और मजबूत करता है, बल्कि हमारे संवैधानिक मूल्यों की शक्ति को भी दर्शाता है। मैं हमेशा न्यायपालिका और संविधान के प्रति कर्तव्यों का सम्मान करता रहूंगा। जय भीम-जय भारत।
9 अगस्त को मिली थी जमानत
बता दें, सिसोदिया की याचिका पर आज सुनवाई हुई। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन के समक्ष सिसोदिया की मांग रखी थी। नौ अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मामलों में सिसोदिया को जमानत दी थी। अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने ‘आप’ नेता को यह कहकर जमानत दी थी कि कथित आबकारी नीति मामले में मुकदमे के शीघ्र पूरा होने की उम्मीद में उन्हें असीमित समय तक सलाखों के पीछे नहीं रखा जा सकता।
मामले में 493 गवाहों के नाम
दरअसल, शराब नीति घोटाला मामले में ईडी के साथ सीबीआई मामले में 493 गवाहों के नाम हैं। मामले में हजारों पन्नों के दस्तावेज और एक लाख से अधिक पन्नों के डिजिटाइज्ड दस्तावेज शामिल हैं।