दिल्ली के स्कूलों के बच्चे ऐसी नौकरियां पैदा करेंगे जो वर्तमान में अस्तित्व में नहीं : मनीष सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार का मानना है कि इनोवेशन के जरिए बिजनेस आइडियाज के दम पर नई टेक्नोलॉजी से छात्र ऐसी नौकरियां पैदा करेंगे जिनकी आज कल्पना नहीं की जा सकती है।
03:28 PM Sep 08, 2022 IST | Desk Team
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दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने गुरुवार को स्कूलों में चल रही ईएमसी, हैप्पीनेस करिकुलम, देशभक्ति करिकुलम आदि के प्रगति की जांच की। इस दौरान उन्होंने छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार का मानना है कि इनोवेशन के जरिए बिजनेस आइडियाज के दम पर नई टेक्नोलॉजी से छात्र ऐसी नौकरियां पैदा करेंगे जिनकी आज कल्पना नहीं की जा सकती है।
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उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के मुताबिक स्कूलों के बच्चे अपना बिजनेस शुरू करने का सपना देख रहे है। अपने-अपने क्षेत्रों में कुछ नए प्रयोग करने के लिए बेताब है, इनकी इस बेताबी को दिल्ली सरकार सपोर्ट करेगी। सिसोदिया ने छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि मानसिकता में स्कूली स्तर से ही यह भाव आना जरुरी कि पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब सीकर नहीं जॉब प्रोवाइडर बनेंगे और ऐसी नौकरियां पैदा करेंगे जो वर्तमान में अस्तित्व में नहीं है।
भविष्य में बच्चे नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनेंगे
स्टूडेंट्स से चर्चा करते हुए सिसोदिया ने कहा कि, नौकरी मांगने वालों के साथ-साथ यह भी जरुरी है कि हमारे स्कूलों से नौकरी देने वाले और केवल नौकरी देने वाले नहीं बल्कि भविष्य की नौकरियां पैदा करने वाले बच्चे भी निकले। उन्होंने कहा कि बच्चों की मानसिकता में स्कूली स्तर से ही यह भाव आना जरुरी है कि वो जब स्कूली पढ़ाई पूरी करने आगे जाएंगे तो नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनेंगे और ऐसी नौकरियां पैदा करने वाले बनेंगे जो वर्तमान में अस्तित्व में नहीं है।
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उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज युवा जो नौकरियां कर रहे हैं, 20-25 साल पहले इन नौकरियों की कल्पना नहीं की जा सकती थी। यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि 20-25 साल पहले स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों ने अपना दिमाग सिर्फ उन नौकरियों के लिए नहीं लगाया जो उस समय अस्तित्व में थी बल्कि नई चीजों को खोजने पर लगाया। उनके उस साहस की बदौलत आज हमारे पास बहुत सी ऐसी नौकरियां हैं जो उस समय अस्तित्व में नहीं थी।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुझे यह देख कर खुशी है कि मैं जब भी स्कूलों में जाता हूं तो वहां हर क्लास में 10-20 फीसदी बच्चे अपना बिजनेस शुरू करने के सपने देख रहे हैं, हमारी बच्चियां बिजनेस-वीमेन बनने के सपने देख रही है और अपने-अपने क्षेत्रों में कुछ नए प्रयोग करने के लिए बेताब हैं।
चर्चा के दौरान सिसोदिया ने 11वीं-12वीं क्लास के स्टूडेंट्स से ईएमसी क्लासेज व बिजनेस ब्लास्टर्स के विषय में पूछा तो बच्चों ने बताया कि ईएमसी व बिजनेस ब्लास्टर्स ने यह सोच दी है कि नौकरी के पीछे नहीं भागना है बल्कि नौकरी देने वाला बनना है। साथ ही ईएमसी ने हमें जोखिम उठाते हुए कुछ नया करने-सीखने की प्रेरणा दी है।
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