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Viral Agreement Post : स्मार्टफोन आज कल की दुनिया में लोगों की जिंदगी का एक जरुरी हिस्सा बन चुका हैं। यह बहुत सारे अलग-अलग काम कर सकता है और लोग इसका इस्तेमाल करना बहुत पसंद करते हैं। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक लोगों के हाथ में आपको फ़ोन जरूर दिखता होगा लेकिन कभी-कभी लोग इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इसलिए, एक महिला ने अपने परिवार के लिए फोन का इस्तेमाल करते समय पालन (Viral Agreement Post) करने के लिए कुछ नियम बनाए। अगर वे नियमों का पालन नहीं करेंगे तो उनको इसके लिए सजा भी मिलेगी।
my maasi made everyone in the house sign this agreement 😭 pic.twitter.com/hnEfo5JELH
— Jesus (@clownlamba) January 3, 2024
Courtesy : वायरल पोस्ट एक्स पर @clownlamba नाम के अकाउंट से शेयर किया गया
'जीसस' नाम के अकाउंट ने 'एक्स' पर एक तस्वीर शेयर (Viral Agreement Post) की है। तस्वीर में एक एग्रीमेंट दिखाया गया है जिस पर कुछ नियम लिखे हुए हैं। इसका कैप्शन है- मेरी मासी ने घर में सभी से इस समझौते पर हस्ताक्षर कराए हैं। तस्वीर में एक विशेष कागज दिखाया गया है जिसे स्टांप पेपर कहा जाता है, जिसकी कीमत 50 रुपये है। परिवार के सदस्यों ने सादे कागज का इस्तेमाल (Viral Agreement Post) करने के बजाय स्टांप पेपर पर एक निश्चित क्रम में कुछ नियम लिखे। ये नियम इस बारे में हैं कि उन्हें अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए। सबसे ऊपर समझौता लिखा है-
'मैं मंजू गुप्ता अपने परिवार के सदस्यों के लिए कुछ नियम बना रही हूं। क्योंकि मुझे एहसाह हुआ कि मेरे परिवार वाले मुझसे ज्यादा अपने मोबाइल के करीब हो गए हैं।'
समझौते के अंत में एक नोट है जिसमें बताया गया है कि यदि कोई नियमों का पालन नहीं करेगा (Viral Agreement Post) तो क्या होगा और उसे क्या सजा मिलेगी। इसमें कहा गया है कि अगर कोई इन नियमों को तोड़ता है तो उसे पूरे एक महीने तक जोमैटो या स्विगी से खाना नहीं आर्डर करने को मिलेगा।
यह पोस्ट इंटरनेट पर तेजी से फैल रहा है और इसे करीबन 5 लाख लोगों ने देखा (Viral Agreement Post) हैं। लोग अब इस पर अपने रिएक्शन दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- मंजू मासी परंपरा, प्रतिष्ठा, अनुशासन का ह्यूमन वर्जन हैं। एक अन्य यूजर ने लिखा- मंजू मासी एक उदाहरण बनकर उभरी हैं। दूसरे यूजर ने लिखा- मासी ने म्यूचुअल फंड से भी ज्यादा नियम और शर्तें (Viral Agreement Post) रखी हैं। एक शख्स ने कहा- समझौते में दिक्कत है. यदि इसमें कोई तारीख नहीं है तो यह मान्य नहीं है। साथ ही, यह कानूनी रूप से मान्य नहीं है क्योंकि इसमें यह नहीं बताया गया है कि किसी को सजा कौन देगा। एक अन्य व्यक्ति ने कहा- मैं जानना चाहता था कि अगर कोई समझौता तोड़ेगा तो क्या होगा और मैं सजा से संतुष्ट हूं। यदि यह सज़ा काम नहीं करेगी तो और कुछ भी काम नहीं करेगा।