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विधानसभा चुनावों के बीच पूर्व PM मनमोहन ने तोड़ा मौन, केंद्र के राष्ट्रवाद को बताया खोखला तो विदेश नीति पर भी उठाए सवाल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वीडियो सन्देश जारी कर देश में चल रहे विधानसभा चुनाव में मौन तोड़ते हुए अपनी मौजूदगी दर्ज करवा दी है।

01:07 PM Feb 17, 2022 IST | Desk Team

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वीडियो सन्देश जारी कर देश में चल रहे विधानसभा चुनाव में मौन तोड़ते हुए अपनी मौजूदगी दर्ज करवा दी है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज एक वीडियो सन्देश जारी कर देश में चल रहे विधानसभा चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज करवा दी है। पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए जारी वीडियो सन्देश में पूर्व पीएम ने मौजूदा केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र राष्ट्रवाद की तुलना अंग्रेजों की बांटों और राज करो की नीति से की।
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पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि “कोरोना के दौरान केंद्र सरकार की ख़राब नीतियों के कारण लोग आर्थिकता, बेरोज़गारी और बढ़ती महंगाई से परेशान हैं। 7.5 साल सरकार चलाने के बाद सरकार अपनी गलती मानने और सुधार करने की बजाए पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को ज़िम्मेदार ठहराने पर लगी है।”


सरकार का राष्ट्रवाद जितना खोखला है, उतना ही खतरनाक

मनमोहन सिंह ने कहा, इस सरकार का नकली राष्ट्रवाद जितना खोखला है, उतना ही खतरनाक है। इनका राष्ट्रवाद अंग्रेजों की बांटों और राज करो की नीति पर टिका है। संवैधानिक संस्थाओं को लगातार कमजोर किया जा रहा है। ये सरकार विदेश नीति के मोर्चे पर भी पूरी तरह फेल साबित हुई है। 
कांग्रेस के अच्छे कामों को याद कर रहे हैं लोग
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, लोग हमारे (कांग्रेस) अच्छे काम को याद कर रहे हैं। उन्होंने (बीजेपी ने) पीएम मोदी की सुरक्षा के मुद्दे पर पंजाब के सीएम और राज्य के लोगों का अपमान करने की कोशिश की। अमीर लोग और अमीर होते जा रहे हैं जबकि गरीब लोग और गरीब होते जा रहे हैं।
बिना निमंत्रण के बिरयानी खाने से रिश्ते नहीं सुधरते
केंद्र की विदेश नीति पर सवाल खड़े करते हुए पूर्व पीएम ने कहा, इस सरकार आर्थिक नीति की कोई समझ नहीं है। मामला देश तक सीमित नहीं है। यह सरकार विदेश नीति पर भी विफल रही है। चीन हमारी सीमा पर बैठा है और उसे दबाने की कोशिश की जा रही है। राजनेताओं को गले लगाने से, या बिना निमंत्रण के बिरयानी खाने से रिश्ते नहीं सुधरते।

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