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Mann Ki Baat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' के 113वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने नेशनल स्पेस डे का जिक्र करते हुए चंद्रयान-3 की सफलता को याद किया। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, '21वीं सदी के भारत में कितना ही कुछ ऐसा हो रहा है, जो विकसित भारत की नींव मजबूत कर रहा है। इस 23 अगस्त को ही हम सब देशवासियों ने पहला नेशनल स्पेस डे मनाया। मुझे विश्वास है कि आप सबने इस दिन को मिलकर सेलिब्रेट किया होगा और एक बार फिर चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाया होगा।'
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उन्होंने कहा, पिछले वर्ष इसी दिन चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी हिस्से में शिव शक्ति प्वॉइंट पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। भारत इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बना। प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े युवाओं से भी बात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात' में हर घर तिरंगा अभियान और राजनीति का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, इस साल मैंने लाल किले से बिना पॉलिटिकल बैकग्राउंड वाले एक लाख युवाओं को राजनीतिक सिस्टम से जोड़ने का आह्वान किया है। मेरी इस बात पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है। इससे पता चलता है कि कितनी बड़ी संख्या में हमारे युवा, राजनीति में आने को तैयार बैठे हैं। बस उन्हें सही मौके और मार्गदर्शन की तलाश है।
प्रधानमंत्री ने आईआईटी मद्रास के युवाओं से सवाल किया कि और उन्होंने गैलेक्स आई शुरू करने के बारे में पूछा। पीएम मोदी के सवाल का जवाब देते हुए सूयश ने कहा हम सब लोग साथ में आईआईटी मद्रास में मिले। उसी वक्त हम लोगों ने सोचा कि एक हाइपरलूप नाम का एक प्रोजेक्ट है, जो हम लोग चाहते थे। उसी दौरान हमने एक टीम की शुरुआत की उसका नाम था 'आविष्कार हाइपरलूप', जिसको लेकर हम लोग अमेरिका भी गए। उस साल हम एशिया की इकलौती टीम थी, हमने वहां अपने देश के झंडे को फहराने का काम किया। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बधाई दी और कहा कि मैं समझता हूं कि ये बात जब देशवासी सुनेंगे तो उनको बड़ा गर्व होगा।
पीएम मोदी ने राजनीति का जिक्र करते हुए कहा, राजनीति के इस विषय पर मुझे देशभर के युवाओं के पत्र भी मिले हैं। सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। लोगों ने मुझे कई तरह के सुझाव भी भेजे हैं। कुछ युवाओं ने पत्र में लिखा है कि ये उनके लिए वाकई अकल्पनीय है। दादा या माता-पिता की कोई राजनीतिक विरासत नहीं होने की वजह से वो चाहकर भी राजनीति में नहीं आ पाते थे। कुछ युवाओं ने लिखा कि उनके पास जमीनी स्तर पर काम करने का अच्छा अनुभव है, इसलिए वे लोगों की समस्याओं को सुलझाने में मददगार बन सकते हैं।