मनोहर लाल खट्टर बन सकते हैं भाजपा अध्यक्ष
बीजेपी और आरएसएस के बीच आखिरकार अगले बीजेपी अध्यक्ष को लेकर…
बीजेपी और आरएसएस के बीच आखिरकार अगले बीजेपी अध्यक्ष को लेकर सहमति बन गई है। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय आवास मंत्री मनोहर लाल खट्टर संभावित सर्वसम्मति वाले उम्मीदवार हैं। हालांकि अंतिम निर्णय दिल्ली चुनाव खत्म होने और 8 फरवरी को नतीजे घोषित होने के बाद ही लिया जाएगा। खट्टर एक दिलचस्प विकल्प होंगे। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है, जो 1996 में हरियाणा में साथ काम करने के दौरान अक्सर खट्टर की मोटरसाइकिल पर पीछे बैठते थे। खट्टर राज्य में आरएसएस के प्रभारी व्यक्ति थे और मोदी भाजपा के प्रमुख नेता थे जो राज्य में भाजपा के संगठन का काम देखते थे।
मनोहर लाल वफादार आरएस- एस कार्यकर्ता हैं और 40 से अधिक वर्षों से संघ से जुड़े हुए हैं। अगर खट्टर पार्टी प्रमुख बनते हैं तो यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी कार्यशैली कैसी रहेगी?
कांग्रेस के इतिहास को समेटे 24 अकबर रोड
कांग्रेस नई दिल्ली के कोटला रोड पर अपने नए मुख्यालय में शिफ्ट हो रही है, जो भाजपा कार्यालय से कुछ ही दूरी पर है, लेकिन वह 24 अकबर रोड स्थित अपनी पुरानी इमारत में इतिहास की कई बातें छोड़ गई है। ऐसी ही एक दिलचस्प कहानी अकबर रोड स्थित बंगले और म्यांमार की नेता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू की के बीच के रिश्ते की है।
1978 में कांग्रेस के दूसरे विभाजन के बाद इंदिरा गांधी गुट द्वारा इस इमारत को अपने कब्जे में लेने से पहले, सू की की मां भारत में बर्मी राजदूत के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान इसमें रहा करती थीं। बंगले में सू की के जीवन का वर्णन जस्टिन विंटल ने अपनी पुस्तक द परफेक्ट होस्टेज में किया है। वे लिखते हैं कि उन्होंने पहली बार भारत में विलासिता का अनुभव किया, हालांकि उनकी मां राजदूत डॉखिन की ने यथासंभव मितव्ययी जीवन जीने की कोशिश की ताकि उनकी बेटी रंगून में उनके जीवन की सादगी को न भूले। इसी बंगले में सू की ने फूलों की सजावट की जापानी कला इकेबाना सीखी थी। और 24 अकबर रोड के विशाल लॉन में ही उन्होंने राजीव और संजय गांधी के साथ कई दिन बिताये थे।
यह बंगला 1978 में कांग्रेस को उसके कार्यालय के लिए आवंटित किया गया था और तब से यह पार्टी के पास है, जिसमें कई बदलाव और परिवर्तन हुए हैं। हालांकि अब कांग्रेस का आधिकारिक मुख्यालय कोटला रोड पर होगा, लेकिन अकबर रोड बंगले को वह सेवा दल जैसे अपने सहयोगियों के लिए बरकरार रखेगी।
खुराना जूनियर की खोज का रहस्य
कई वर्षों तक राजनीतिक वनवास में रहने के बाद, दिल्ली में भाजपा के दिग्गज मदन लाल खुराना के बेटे ने पदार्पण किया है। हरीश खुराना को उनके पिता के पुराने निर्वाचन क्षेत्र मोती नगर से दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया है। यह दिलचस्प है कि भाजपा आलाकमान ने इतने वर्षों के बाद खुराना जूनियर को “खोजा” है। दिल्ली में, भाजपा मदन लाल खुराना का पर्याय है, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी के झुग्गी-झोपड़ी मतदाताओं को लुभाकर अकेले ही पार्टी का निर्माण किया। मदन लाल खुराना के दिल्ली की झुग्गियों में घुसने से पहले तक भाजपा ने राजधानी में केवल मध्यम वर्ग और पंजाबी शरणार्थी मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित किया था। इसे लेकर तरह-तरह की कयासबाजी चल रही है।