Manoj Tiwari Chath Song : छठ से पहले रिलीज हुआ मनोज तिवारी का नया गाना, बोले – “100-100 पर हैं भारी हैं जी
Manoj Tiwari Chath Song : हां, हम बिहारी हैं जी...छठ से पहले रिलीज हुआ मनोज तिवारी का नया गाना, बोले – “100-100 पर हैं भारी हैं जी”
भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार, गायक और नेता मनोज तिवारी ने एक बार फिर अपनी मिट्टी के प्रति प्रेम और गौरव को गीत के ज़रिए अभिव्यक्त किया है। उनका नया गाना “हां, हम बिहारी हैं जी” छठ पूजा से ठीक पहले रिलीज हुआ है और सोशल मीडिया पर जबरदस्त चर्चा में है। यह गीत न केवल बिहार की संस्कृति और मेहनतकश भावना को सलाम करता है, बल्कि पूरे देश के सामने बिहारी पहचान का नया स्वर भी प्रस्तुत करता है।
गाने की रिलीज़ कब ?

मनोज तिवारी का यह गीत 20 अक्टूबर 2025 को रिलीज हुआ। यह भोजपुरी आईटी सेल के यूट्यूब चैनल पर लॉन्च किया गया और कुछ ही घंटों में लाखों व्यूज़ हासिल कर चुका है। रिलीज़ का समय बेहद खास है - क्योंकि छठ पूजा बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा लोक पर्व माना जाता है। ऐसे समय पर इस गीत का आना, लोगों की भावनाओं से गहराई से जुड़ता है। मनोज तिवारी ने सोशल मीडिया पर इस गाने को साझा करते हुए लिखा, “हां, हम बिहारी हैं जी... गर्व है अपनी मिट्टी पर, अपनी बोली पर, अपने संस्कार पर।"
उनकी इस पोस्ट पर हजारों टिप्पणियाँ आईं, जिनमें लोगों ने कहा कि यह गीत बिहार की आत्मा को दर्शाता है।
हम बिहारी है – गर्व का गीत

गाने के बोल में बिहारीपन को सम्मान और गर्व के रूप में प्रस्तुत किया गया है। शुरुआती पंक्तियाँ ही पूरे गीत का भाव स्पष्ट कर देती हैं –
“हां, हम बिहारी हैं जी,
माटी को सोना कर दें, वाली कलाकारी है जी,
थोड़े संस्कारी हैं जी, पर 100-100 पर भारी हैं जी…”
यह पंक्तियाँ बताती हैं कि बिहारी लोग मेहनती हैं, संस्कारी हैं और अपने काम में सर्वश्रेष्ठ हैं। लंबे समय से “बिहारी” शब्द का उपयोग कई बार उपहास के रूप में किया जाता रहा है, लेकिन यह गीत उस शब्द को गर्व और सम्मान से भर देता है।
संगीत और टीम
गाने के बोल लिखे हैं अतुल कुमार राय ने, जबकि संगीत दिया है मधुकर आनंद ने। गाने का निर्देशन और प्रस्तुति बेहद रंगीन और ऊर्जावान है। इसमें बिहार की धरती, छठ घाट, खेत-खलिहान, लोक नृत्य, और सांस्कृतिक झलकियां खूबसूरती से दिखाई गई हैं। वीडियो में छठ पूजा की तैयारियों, ग्रामीण बिहार की सादगी, और लोक जीवन की झलक भी दिखती है। मनोज तिवारी ने इसे खुद अपनी आवाज में गाया है, और उनके स्वरों में वही अपनापन है जो उन्हें भोजपुरी संगीत का “सुपरस्टार सिंगर” बनाता है।
Manoj Tiwari New Chath Song : छठ पूजा से जुड़ा भावनात्मक रिश्ता

छठ पूजा बिहार की आत्मा में बसने वाला त्योहार है। इस पर्व में लोग सूर्य देव और छठी मइया की पूजा करते हैं। नदियों और तालाबों के घाटों पर पूरा बिहार भक्तिभाव में डूबा होता है। ऐसे में “हां, हम बिहारी हैं जी” जैसे गीत का आना, त्योहार की भावना को और गहराई देता है। मनोज तिवारी खुद कई सालों से छठ पूजा से जुड़े गीत गाते रहे हैं - जैसे “केलवा जे फरेला घवद से” या “लहर लहर उठे ला अरघ के पानिया”। इस बार उन्होंने पारंपरिक भक्ति गीत की जगह, एक “गर्व गीत” के रूप में बिहारी पहचान पर फोकस किया है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
जैसे ही गीत रिलीज हुआ, ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर लोगों ने इसे हाथों-हाथ लिया। एक यूज़र ने लिखा – “छठ से पहले ऐसा गीत सुनकर गर्व महसूस हुआ। हम बिहारी हैं और इस बात पर नाज़ है।” दूसरे यूज़र ने कहा – मनोज तिवारी जी ने जो कहा ‘100-100 पर हैं भारी हैं जी’, वही सच है। बिहारी मेहनत से दुनिया जीतता है।” गाने के नीचे हजारों टिप्पणियों में बिहार के युवाओं ने इसे “सेल्फ-रिस्पेक्ट सॉन्ग” कहा है।
सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व
यह गीत सिर्फ एक संगीत रचना नहीं है — यह एक सांस्कृतिक घोषणा है। बिहार लंबे समय तक मज़दूर राज्य के रूप में जाना गया, लेकिन आज यह राज्य शिक्षा, कला, राजनीति और सेवा क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहा है। यह गीत उसी “नई पहचान” की झलक दिखाता है। इसके अलावा, गीत का रिलीज़ टाइम राजनीतिक रूप से भी दिलचस्प है। बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं, और मनोज तिवारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े हैं। ऐसे में कुछ लोग इसे एक सांस्कृतिक-राजनीतिक रणनीति भी मान रहे हैं। हालांकि, तिवारी ने कहा कि यह गीत किसी राजनीति से नहीं, बल्कि “भावना और गौरव” से प्रेरित है।
संगीत की गुणवत्ता और प्रस्तुति
गीत की धुन पारंपरिक भोजपुरी लय पर आधारित है, लेकिन इसमें आधुनिक बीट्स और प्रोडक्शन का मिश्रण है। मधुकर आनंद का संगीत ऊर्जावान और आकर्षक है वीडियो में सिनेमैटिक कैमरा वर्क और बिहार के प्राकृतिक दृश्यों का बेहतरीन संयोजन है — नदियों के घाट, हरियाली, लोक नृत्य, और त्योहारों की झलक इसे खास बनाती है।
मनोज तिवारी के परफॉर्मेंस में जो आत्मीयता है, वह दर्शकों को सीधे जोड़ लेती है।

“हां, हम बिहारी हैं जी” सिर्फ एक गीत नहीं बल्कि एक आंदोलन जैसा महसूस होता है। यह गीत उस बिहारी अस्मिता की बात करता है, जिसे अक्सर मज़ाक या नकारात्मक नजरिये से देखा जाता रहा है। अब वही शब्द – “बिहारी” – इस गाने में गर्व, मेहनत और आत्मविश्वास का पर्याय बन गया है। गीत में कहा गया “थोड़े संस्कारी हैं जी” यह दर्शाता है कि बिहारी न केवल मेहनती हैं, बल्कि परंपराओं और नैतिक मूल्यों में भी अग्रणी हैं। “100-100 पर हैं भारी हैं जी” यह पंक्ति आत्मविश्वास का प्रतीक बन चुकी है। Manoj Tiwari का यह गीत बिहार की मिट्टी से निकले हर उस व्यक्ति के दिल में गर्व का भाव जगाता है, जिसने कभी अपने घर से दूर मेहनत की है। यह गीत यह संदेश देता है कि जहां भी जाओ, अपनी पहचान मत भूलो। बिहारी होना गर्व की बात है। छठ पूजा के पावन अवसर पर यह गाना बिहारियों के लिए एक भावनात्मक उपहार है। इसमें लोक संस्कृति, आधुनिक सोच और आत्मगौरव का सुंदर मेल है। मनोज तिवारी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि संगीत केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को एकजुट करने का माध्यम भी हो सकता है। हां, हम बिहारी हैं जी” अब सिर्फ एक गाना नहीं - यह हर बिहारी की पहचान का नारा बन गया है।

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