मनप्रीत सिंह बादल द्वारा कांग्रेसी सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को कैप्टन और जाखड़ से बैठक करने की दी सलाह
एक दिन पहले कांग्रेस के लुधियाना सांसद रवनीत सिंह बिटटू द्वारा बठिण्डा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पंजाब के वितमंत्रालय पर कई सवाल उठाएं थे।
05:54 PM Dec 22, 2019 IST | Shera Rajput
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लुधियाना-बठिंडा : एक दिन पहले कांग्रेस के लुधियाना सांसद रवनीत सिंह बिटटू द्वारा बठिण्डा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पंजाब के वितमंत्रालय पर कई सवाल उठाएं थे। उसी के जवाब में आज वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि अगर बिटटू को मेरे पर विश्वास नही तो वह पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान सुनील जाखड़ और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र ङ्क्षसह से बैठक करके गुफतगूं करें।
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वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है और इस बारे सार्वजनिक तौर पर चर्चा करना ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि बिटटू का इस प्रकार मीडिया के रूबरू सवाल उठाने सरासर गलत है। मनप्रीत ङ्क्षसह बादल ने कहा कि बिटटू को किसी भी मंत्री की ईमानदारी पर शंकाएं है तो वह हाईकमान से बात करें। इस प्रकार सार्वजनिक तौर पर किसी को निंदा करना ठीक नहीं।
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वित्त मंत्री के मुताबिक पंजाब के खजाने की प्रत्येक वर्ष डिबेट होती है और एडीटर जनरल की रिपोर्ट भी आती है। पंजाब के खजाने का हिसाब-किताब होता है। उन्होंने कहा इस मामले में मार्च के दौरान फिर डिबेट होंगी, जिसकी रिर्पोर्ट साफ कर देंगी जब कैप्टन साहब ने पंजाब की कमान संभाली थी, उस वक्त पंजाब के कैसे हालात थे और अब कैसे है।
वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने पत्रकारों से कहा कि सूबे की अर्थव्यवस्था सुखबीर बादल, हरसिमरत कौर बादल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खराब की है। केंद्र सरकार पंजाब के जीएसटी का बकाया क्यों नहीं दे रही। सुखबीर और हरसिमरत को प्रधानमंत्री से यह बात पूछनी चाहिए। हरसिमरत केंद्रीय मंत्री होने के नाते पंजाब के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ चुप क्यों हैं। सुखबीर बादल को पटियाला में धरना देने के बजाय नई दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ धरना देना चाहिए था।
स्मरण रहे कि लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने प्रदेश सरकार की मौजूदा खराब छवि के लिए वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि बीते तीन सालों से विकास कार्यों के लिए फंड न मिलने से विधायकों, सांसदों और कार्यकर्ताओं में रोष है। पैसों का प्रबंध करना वित्त मंत्री की जिम्मेदारी है, लेकिन तीन साल में वे ऐसा नहीं कर पाए। वह यहां वर्ष 2015 के एक मामले में पेशी भुगतने आए थे।
– सुनीलराय कामरेड

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