राष्ट्रपति जो बाइडन समेत कई हस्तियों ने 9/11 के आतंकी हमलों में मारे लोगों को दी श्रद्धांजलि, कमला हैरिस भी थी मौजूद
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को देशवासियों के साथ मिलकर 21 साल पहले 11 सितंबर को हुए आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। बाइडन ने पेंटागन स्मारक से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, “मुझे आशा है कि ह
12:52 AM Sep 12, 2022 IST | Desk Team
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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को देशवासियों के साथ मिलकर 21 साल पहले 11 सितंबर को हुए आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। बाइडन ने पेंटागन स्मारक से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, “मुझे आशा है कि हम यह याद रखेंगे कि उन काले दिनों के बीच हमने एक-दूसरे के दुख साझा किए, एक-दूसरे की परवाह की और एकजुट हुए।”
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उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी दी श्रद्धांजलि
उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और उनके पति डगलस एमहॉफ ने न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के स्थान पर बने स्मारक पर जाकर हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने पेनसिल्वेनिया में विमान दुर्घटनास्थल पर जाकर हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी।
बाइडन ने रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और अमेरिकी सेना के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष मार्क मिले के साथ पेंटागन स्मारक पर जाकर हमले के पीड़ितों को पुष्पांजलि अर्पित की।
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मैं उन सभी लोगों के दुख को महसूस कर सकता हूंः बाइडेन
बाइडन ने ब्रिटेन की दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के संदेश का उल्लेख करते हुए कहा, “दुख वह कीमत है, जो हम प्यार पाने के लिए चुकाते हैं। यह न केवल याद करने, बल्कि खुद को नया बनाने और संकल्प लेने का दिन है।” अमेरिकी राष्ट्रपति ने वर्जीनिया के अर्लिंग्टन में नेशनल 9/11 पेंटागन मेमोरियल में कहा, “मैं उन सभी लोगों के दुख को महसूस कर सकता हूं, जिन्होंने अपने परिवार के किसी सदस्य को इस हमले में खो दिया, 21 साल बहुत लंबा समय होता है।” उन्होंने कहा, ‘‘हमारी जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि हम अपने लोकतंत्र की रक्षा, सरंक्षण और सुरक्षा करें। लोकतंत्र ने जो हमें स्वतंत्रता दी है, उसे वे आतंकवादी 11 सितंबर के हमले की आग, धुएं और राख में दबाना चाहते थे।’’
गौरतलब है कि अलकायदा के आतंकवादियों ने 21 साल पहले अपहृत विमानों के जरिये न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन और पेनसिल्वेनिया में हमले किए थे, जिनमें लगभग 3,000 लोग मारे गए थे। इस हमले के बाद अमेरिका ने दुनियाभर में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को नए सिरे से तैयार किया था।
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