Marathi भाषा विवाद में Hindu-Muslim की एंट्री, Sushil Kedia बोले 'मैं नहीं सीखूंगा मराठी..क्या करना है बोल..
देश में जहां एक तरफ एकता और भाईचारे की बात होती है, तो वहीं इन दिनों दूसरी तरफ कई इलाकों में भाषा विवाद (Marathi language dispute) पर घमासान मचा हुआ है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नीतेश राणे ने एक विवादित बयान दिया है, जिस पर देश भर का सियासी पारा बढ़ गया है। नीतेश राणे ने कहा कि गोल टोपी, दाढ़ी वाले लोग मराठी बोलते हैं क्या? उन्होंने आगे कहा, "हिंदुओं पर किसी ने हाथ उठाया तो उसे बख्सा नहीं जाएगा". वहीं इस विवाद में केडियोनॉमिक्स के संस्थापक सुशील केडिया (Sushil Kedia) जैसे निवेशक भी कूद पड़े हैं.
नीतेश राणे ने क्या कहा?
बता दें कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा (Marathi language dispute) का विवाद एक बड़े राजनीतिक और सांस्कृतिक विवाद बन चुका है। दिन प्रतिदिन यह विवाद तूल पकड़ता ही जा रहा है। इस विवाद में कई दिग्गजों की प्रतिक्रिया भी आई है। भाषा विवाद अब हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बन गया है। नीतेश राणे ने कहा कि अगर किसी में इतनी हिम्मत है तो नल बाजार, मोहम्मद अली रोड या मालवाणी जैसे इलाकों में जाकर उन्हें बोलो कि मराठी बोलो।क्या वह वहां भी ऐसी हिम्मत दिखाते हो? गरीब हिंदुओं पर हाथ उठाने वालों को अली रोड पर जाकर जिहादियों को पीटने की भी हिम्मत दिखानी चाहिए।
राणे ने आगे कहा अब कार्रवाई होगी
नीतेश राणे ने आगे कहा, 'जावेद अख्तर, आमिर खान मराठी बोलते हैं क्या? जावेद अख्तर की शायरी मराठी में है क्या? वहां कोई कुछ नहीं बोलता है। राणे ने आगे कहा कि भाषा विवाद के आड़ में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। गरीब हिंदू अगर हिंदी बोलता है तो उसे मारा जाता है। जो भी हिंदुओं पर दादागिरी करेगा, उस पर हमारी सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।
केडिया ने एक्स पर ठाकरे को किया टैग
दूसरी तरफ इस भाषाई विवाद में केडियोनॉमिक्स के संस्थापक सुशील केडिया (Sushil Kedia) जैसे बड़े निवेशक भी सामने आए हैं। अपने सोशल मीडिया पर उन्होंने एक पोस्ट शेयर कर ऐलान किया है कि वह मराठी नहीं सीखेंगे। (Marathi language dispute) उन्होंने अपने 'एक्स' पोस्ट में ठाकरे को टैग करके लिखा, "मुंबई में 30 साल रहने के बाद भी मैं मराठी ठीक से नहीं जानता और आपके घोर दुर्व्यवहार के कारण मैंने यह संकल्प लिया है कि जब तक आप जैसे लोगों को मराठी मानुष की देखभाल करने का दिखावा करने की अनुमति नहीं दी जाती, मैं प्रतिज्ञा लेता हूँ कि मैं मराठी नहीं सीखूँगा। दर्द का क्या करें?
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