आठवां मेडल जीतकर मैरी कॉम ने रचा इतिहास
मैरी कॉम (51 किलो) को विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा जब वह सेमीफाइनल में तुर्की की बुसेनाज काकिरोग्लू से हार गई।
09:39 AM Oct 13, 2019 IST | Desk Team
उलान उदे : छह बार की चैम्पियन एम सी मैरी कॉम (51 किलो) को विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा जब वह सेमीफाइनल में तुर्की की बुसेनाज काकिरोग्लू से हार गई। तीसरी वरीयता प्राप्त मैरी कॉम को यूरोपीय चैम्पियनशिप और यूरोपीय खेलों की स्वर्ण पदक विजेता काकिरोग्लू से 1-4 से पराजय झेलनी पड़ी।
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भारतीय दल ने फैसले का रिव्यू मांगा लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ की तकनीकी समिति ने उनकी अपील खारिज कर दी। मैच के बाद मैरी ने खेल मंत्री किरण रिजिजू और प्रधानमंत्री नेंरद्र मोदी को टैग करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, कैसे और क्यों। दुनिया को पता चलने दीजिए कि यह निर्णय कितना सही और गलत है।
पहले दौर में मैरी कॉम ने अच्छे जवाबी हमले किये और काकिरोग्लू अपने कद का फायदा नहीं उठा सकी। दूसरे दौर में हालांकि उसने शानदार वापसी की। आखिरी तीन मिनट में तुर्की की मुक्केबाज ने दबाव बना लिया। इस हार के बावजूद मैरी कॉम ने इतिहास रचते हुए सबसे ज्यादा पदक महिला विश्व चैम्पियनशिप में जीतने का रिकार्ड अपने नाम किया।
यह विश्व चैम्पियनशिप का उनका आठवां और 51 किलोवर्ग में पहला पदक है। भारत के सहायक कोच और मैरीकॉम के ट्रेनर छोटेलाल यादव ने कहा कि मैरी ने बेहतरीन खेल दिखाया और उसे जीतना चाहिये था। हम इस फैसले से स्तब्ध हैं।
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