'500 पाकिस्तानी रुपए चार्ज, 40 मिनट रोज जिहादी ट्रेनिंग...', ऑपरेशन सिंदूर से भड़की मसूद अजहर की बहन ने तैयार किया नया प्लान
Masood Azhar Sister New Project: पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अब महिलाओं को जिहाद की ट्रेनिंग देने के लिए एक नया कोर्स शुरू किया है। इस कोर्स का नाम है "तुफत अल मुमिनात"। इस कोर्स में हिस्सा लेने के लिए हर लड़की से 500 पाकिस्तानी रुपये लिए जा रहे हैं। जैश-ए-मोहम्मद ने अपनी महिला ब्रिगेड की संख्या बढ़ाने का काम तेज कर दिया है। संगठन अब महिलाओं को ऑनलाइन ट्रेनिंग दे रहा है और उनसे फंड भी जमा कर रहा है। यह पूरा अभियान ऑनलाइन लाइव लेक्चर के जरिए चलाया जाएगा, जो 8 नवंबर से शुरू होने वाला है।
Jihad Training 40 Minutes Daily: ट्रेनिंग की कमान मसूद अजहर की बहनों के हाथ
इस महिला ब्रिगेड का नेतृत्व आतंकी मसूद अजहर की बहनों सादिया अजहर और समायरा अजहर कर रही हैं। वे रोजाना 40 मिनट के ऑनलाइन सत्रों में महिलाओं को जिहाद में शामिल होने के लिए प्रेरित करेंगी। सादिया अजहर को इस महिला ब्रिगेड का नेतृत्व सौंपा गया है। उनकी बहन सफिया और उमर फारूक की पत्नी अफरीरा फारूक भी इस अभियान में शामिल हैं।
Masood Azhar Sister New Project: फंडिंग के लिए जकात का प्रोग्राम
मसूद अजहर ने पाकिस्तान में जकात के नाम पर फंड इकट्ठा करने का नया प्रोग्राम शुरू किया है। 27 सितंबर को बहावलपुर में एक सभा के दौरान उन्होंने जनता से दान की अपील भी की थी। अब यह फंडिंग ऑनलाइन जिहाद कोर्स के जरिए भी की जा रही है।
Masood Azhar Sister News: महिलाओं के लिए अलग संगठन
इससे पहले जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती के लिए 'जमात-उल-मुमिनात' नामक एक अलग महिला ब्रिगेड बनाई थी। 8 अक्टूबर को इसका गठन किया गया था और 19 अक्टूबर को पाक अधिकृत कश्मीर के रावलकोट में महिलाओं को इस ब्रिगेड में शामिल करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
ऑनलाइन भर्ती का कारण
पाकिस्तान में कड़ी सामाजिक परंपराओं के कारण महिलाओं का बाहर अकेले जाना मुश्किल है। इसलिए जैश-ए-मोहम्मद ने ऑनलाइन माध्यम को अपनाया है ताकि वे महिलाओं को अपने साथ जोड़ सकें। यह तरीका आईएसआईएस, हमास और लिट्टे जैसी आतंकी संगठनों की महिला ब्रिगेड की तर्ज पर तैयार किया गया है। जैश-ए-मोहम्मद महिलाओं को जिहाद की ट्रेनिंग देने के साथ-साथ फिदायीन हमलों में इस्तेमाल करने की भी तैयारी कर रहा है। संगठन की कोशिश है कि महिलाओं को भी आत्मघाती हमलों में शामिल किया जाए।
पाकिस्तान की नीतियों का पर्दाफाश
जैश-ए-मोहम्मद की यह योजना पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी दावों को झूठा साबित करती है। पाकिस्तान खुद को आतंक के खिलाफ बताता है, लेकिन यहाँ देखिए कि वे खुलेआम जिहाद के नाम पर फंडिंग कर रहे हैं। FATF जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थान भी इसके बारे में जानते हैं, फिर भी पाकिस्तान इस पर अंकुश नहीं लगाता।
इस प्रकार, जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं को आतंकवाद में जोड़ने के लिए एक नया ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू कर दिया है। इसके जरिए वे न केवल फंड इकट्ठा कर रहे हैं बल्कि महिलाओं को भी सक्रिय भूमिका देने की कोशिश कर रहे हैं। इस योजना से आतंकवाद के बढ़ते खतरे को समझना बेहद जरूरी है।
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