पाकिस्तान के स्कूल में जोरदार धमाका, हुआ बड़ा नुकसान, जानें कितने पढ़े लिखे है यहां के लोग
स्कूल में जोरदार धमाका
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक सरकारी स्कूल को निशाना बनाकर बम धमाका किया. हमले में स्कूल के कई क्लासरूम तबाह हो गए। अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। पाकिस्तानी गैर सरकारी संगठन ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि पिछले 10 साल में इस प्रांत में 450 से ज्यादा स्कूलों को बम के हवाले किया जा चुका है।
पाकिस्तान में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। एक तरफ उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है तो दूसरी तरफ बलूचिस्तान अपना अलग देश बनाने की मांग कर रहा है। ऐसे में वे एक दूसरे पर हमला करते नजर आ रहे हैं। इसी बीच आज शुक्रवार को अज्ञात हमलावरों ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक सरकारी स्कूल को निशाना बनाकर बम धमाका किया। हमले में स्कूल के कई क्लासरूम तबाह हो गए। अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है।
आज की घटना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टैंक जिले के गुल इमाम पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में स्थित एक सरकारी हाई स्कूल को बम से उड़ा दिया गया। विस्फोट के कारण स्कूल की कई क्लासरूम ढह गई हैं। मालूम हो कि पाकिस्तान के इस गांव में लड़कियों के शिक्षा के खिलाफ मोर्चा निकल चुका है। इस वजह से माना जा रहा है कि हमेशा लड़कियों के स्कूलों को निशाना बनाया जाता है।
450 से ज्यादा स्कूल तबाह
पाकिस्तानी गैर सरकारी संगठन ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि पिछले 10 साल में इस प्रांत में 450 से ज्यादा स्कूलों को बम के हवाले किया जा चुका है। ऐसे में छात्रों को स्कूल जाना बंद करना पड़ा है। वहीं कुछ स्कूल तो ऐसे है जो पूरी तरह से खंडर हो चुके है और ऐसे जगह पर बच्चों को मजबूरन पढ़ना पड़ रहा है। पाकिस्तान में साल 2019 तक कई जगहों पर पाकिस्तानी तालिबान का लंबे समय तक कब्जा रहा, लड़कियों के स्कूलों पर इस दौरान कई हमले देखने को मिले थे।
पाकिस्तान की साक्षरता दर
बता दें कि पाकिस्तान की साक्षरता दर भारत से काफी कम है। पिछले साल पाकिस्तान की साक्षरता दर 58% थी। पाकिस्तान में पुरुषों की साक्षरता दर 73-80% के बीच है, जबकि महिलाओं में यह 52-60% के बीच है। रिपोर्ट्स की मानें तो 2019 में भी पाकिस्तान में साक्षरता दर 58% थी। स्टैटिस्टा के अनुसार, 2019 में पाकिस्तान में 22.8 मिलियन बच्चे स्कूल से बाहर थे। 2019 में जारी यूनेस्को की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक, चार में से एक पाकिस्तानी बच्चा अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी नहीं कर पाएगा।
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