'...बुल्डोजर चलने से कोई रोक नहीं पाएगा', मौलाना अरशद मदनी ने मदरसो को दी बड़ी सलाह
मौलाना मदनी ने मदरसों को दी बुलडोजर से बचने की सलाह
मौलाना अरशद मदनी ने यूपी में मदरसों पर हो रही कार्रवाई की आलोचना करते हुए इसे असंवैधानिक बताया और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अपमान कहा। उन्होंने मुसलमानों को सलाह दी कि मदरसे तभी बनाएं जब जमीन उनकी हो, ताकि बुलडोजर से बचा जा सके।
उत्तर प्रदेश समेत कई बीजेपी शासित राज्यों में कथित अवैध मस्जिदों, दरगाहों, ईदगाहों और मदरसों पर कार्रवाई की जा रही है। पिछले तीन महीने में यूपी में 600 से ज्यादा मदरसे, मस्जिद, दरगाह और ईदगाहों को बुलडोजर से ढहा दिया गया है। इस बीच जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने मदरसों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को लेकर योगी सरकार की आलोचना की है और गंभीर आरोप लगाए हैं। मौलाना मदनी ने मदरसों को बंद करने की मुहिम को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अपमान है। ऐसा करके हमारी जीवनरेखा काटने की साजिश रची जा रही है। इसी के साथ उन्होंने मुसलमानों को मदरसें बनाने के लिए नसीहत भी दी है।
मदरसों ने आजादी के लिए लड़ाड़ी लड़ी- मौलाना
मौलाना अरशद मदनी ने कहा, “यूपी में मदरसों को लेकर नोटिस आ रहे हैं, मदरसे बंद किए जा रहे हैं। पहले असम सरकार ने मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की थी, उन्हें वहां जाकर रैली करनी पड़ी, फिर उत्तराखंड, फिर उत्तर प्रदेश, अब हरियाणा सरकार ने पानीपत और अलग-अलग जगहों पर नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।” उन्होंने कहा, “जो लोग सोचते हैं कि मदरसों का मतलब किताबें पढ़ना और पढ़ाना है, वे गलत हैं। मदरसों की भूमिका इस देश की जड़ों में गहराई से समाई हुई है। 250 साल तक इस देश में हिंदू, मुसलमान, जैन, सभी गुलाम थे। अगर आजादी के लिए जिहाद निकला है, तो वह 1803 में मदरसों से निकला है।”
उन्होंने कहा, अगर अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठी है, तो वह मदरसों से निकला है। जिन मदरसों ने आजादी की लड़ाई लड़ी, आज कहा जाता है कि वहां आतंकवाद की शिक्षा दी जाती है।” उन्होंने कहा, “आज बुलडोजर चल रहे हैं। जिन मदरसों पर बुलडोजर चल रहे हैं, उन्हीं मदरसों ने आजादी की लड़ाई लड़ी है। सरकार मदरसों के पीछे क्यों पड़ी है? हमें राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। मदरसे हमारी दुनिया नहीं, हमारा धर्म हैं।”
मुसलमानों को दी नसीहत
मौलाना अरशद मदनी ने कहा, “जो भी मस्जिद या वक्फ बनाना चाहता है, उसे सुनिश्चित करना चाहिए कि जमीन साफ-सुथरी हो, सरकार का कोई हस्तक्षेप न हो, वरना बुलडोजर चलने से कोई नहीं रोक पाएगा। हमें अपने मदरसों की रक्षा के लिए काम करना होगा। आप अपने रीति-रिवाजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप मदरसा तभी बना सकते हैं, जब वह जमीन आपकी हो।”