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केंद्र ने बढ़ाई LG की पावर, MCD कमेटी चुनाव से ठीक पहले लिया फैसला

09:53 AM Sep 04, 2024 IST | Aastha Paswan
केंद्र ने बढ़ाई lg की पावर  mcd कमेटी चुनाव से ठीक पहले लिया फैसला
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MCD committee elections: गजट अधिसूचना के सार्वजनिक होने के तुरंत बाद लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने बड़ा कदम उठाया है और MCD वार्ड समिति चुनावों के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति की है।

केंद्र ने बढ़ाई LG की पावर

केंद्र ने दिल्ली के उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ा दी हैं। राष्ट्रपति ने किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकाय का गठन करने का अधिकार दे दिया है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अधिसूचना में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा, दिल्ली के एलजी अब प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या वैधानिक निकायों में सदस्यों की नियुक्ति भी कर सकते हैं।

अधिकारियों की नियुक्ति करने से इनकार

इससे पहले मंगलवार देर शाम मेयर शैली ओबेरॉय ने चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति करने से इनकार कर दिया था। शैली का कहना था कि उनकी अंतरात्मा उन्हें 'अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया' में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं देती है। अब उपराज्यपाल ने आदेश दिया है कि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और स्थायी समिति के सदस्यों के पदों के लिए चुनाव निर्धारित कार्यक्रम (4 सितंबर)  के अनुसार ही होंगे।

सधिकारी या पदेन सदस्य की नियुक्ति के लिए करेंगे

फिलहाल, अधिसूचना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शासन अधिनियम, 1991 (1992 का 1) की धारा 45डी के साथ संविधान के अनुच्छेद 239 के खंड (1) के तहत जारी की गई है। अधिसूचना में कहा गया है, राष्ट्रपति निर्देश देती हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल, राष्ट्रपति के नियंत्रण के अधीन रहते हुए तथा अगले आदेश तक उक्त अधिनियम की धारा 45डी के खंड (क) के अधीन राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग किसी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय के गठन के लिए करेंगे। चाहे उसे किसी भी नाम से जाना जाता हो या ऐसे प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी वैधानिक निकाय में किसी सरकारी अधिकारी या पदेन सदस्य की नियुक्ति के लिए करेंगे।

निर्दिष्ट पदनाम के साथ नियुक्त करेगा

संविधान का अनुच्छेद 239 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से संबंधित है। इसमें कहा गया है, संसद द्वारा कानून द्वारा अन्यथा प्रदान किए गए को छोड़कर, प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश को राष्ट्रपति द्वारा उस सीमा तक प्रशासित किया जाएगा, जहां तक ​​वह उचित समझे। एक प्रशासक के माध्यम से जिसे वह निर्दिष्ट पदनाम के साथ नियुक्त करेगा।

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