Top NewsIndiaWorld
Other States | Uttar PradeshRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

वेतन न मिलने पर मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी बैठे हड़ताल पर, छह माह से नहीं मिल रहे वेतन

उत्तर प्रदेश के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों में कर्मचरियों को पांच छह महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है।

03:50 PM Dec 30, 2022 IST | Desk Team

उत्तर प्रदेश के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों में कर्मचरियों को पांच छह महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है।

उत्तर प्रदेश के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों में कर्मचरियों को पांच छह महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है। वेतन न मिलने से नाराज़ कर्मचारी आज 30-दिसंबर, शुक्रवार को हड़ताल पर बैठ गए। मेडिकल के विभिन्न विभागों के कर्मचारी बेहद नाराज़ व परेशान हैं, कर्मचारियों के हड़ताल पर बैठने से मरीज़ों को बेहद पेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 
Advertisement
प्रदर्शन में विभिन्न विभागों के कर्मचारी शामिल हैं 
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों में नर्सिंग, सफाई कर्मचारी, वार्ड ब्वॉय, एंबुलेंस सहित कई अन्य विभागों के कर्मचारी भी शामिल हैं। इन कर्मचारियों का आरोप है कि इनको पिछले पांच से छह माह से वेतन नहीं मिला है अधिकारियों से इसको लेकर कई बार बात की गयी लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ और उनके हाथ नहीं आया। कुछ समय तो काम चलाया लेकिन अब पानी सिर से ऊपर हो गया है तो मजबूरन हड़ताल पर बैठना पड़। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीज संबंधित डॉक्टर को दिखाने के लिए दो से तीन घंटों से लाइनों मेंखड़े हैं लेकिन पर्चा बनाने वाली खिडकियों से कर्मचारी गायब हैं। आसपास के इलाकों से मेडिकल में आने वाले मरीजों ने अपनी परेशानी का इजहार करते हुए कहा कि यहां सब हडताल पर हैं कोई पर्चा ही नहीं बना रहा है।
बजट न होने का बहाना  बना दिया जाता है।
एक प्रदर्शनकारी पवन ने बताया,‘‘ जब अधिकारियों से बात करते हैं तो बजट न होने का बहाना,हर बार बना दिया जाता है। हर विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारी का वेतन न देकर शोषण किया जा रहा है। प्रशासन या तो वेतन दे या काम से निकाल दे। कोरोना काल में हम लोगो ने हर संभव सहयोग दिया लेकिन उस दौरान भी बहुत परेशानी वेतन को लेकर झेली। इस पर अधिकारी किसी तरह से हमारे साथ होना तो दूर की बात,हमसे आकर बात तक नहीं करते हैं। पांच से छह माह से वेतन न मिलने के कारण अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां भी पूरी कर पाना अब बहुत ही मुश्किल हो गया है।
सुबह से हड़ताल पर बैठे हैं अभी तक कोई बात करने नहीं आया
प्रदर्शनकारी स्टाफ नर्स रचना कुशवाहा ने भी पांच से छह माह से वेतन नहीं मिलने की बात कही और कहा कि हमारे परेशानी जानना तो दूर हम सुबह से हड़ताल पर बैठे हैं अभी तक कोई बात करने भी नहीं आया है। उन्होंने जोर देकर कहा की अपनी मांगे पूरी होने तक हड़ताल जारी रखेंगे।’’ कर्मचारियों का कहना है कि मेडिकल में काम करने वाले कुछ 1100 से लेकर1200 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। वे एक नंबर गेट पर धरने पर बैठे फिर सब वार्डों में होते हुए प्रधानाचार्य डॉ़ एन एस सेंगर के कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गये। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सुबह सात बजे से धरने पर बैठे हैं लेकिन इसके बावजूद कोई अधिकारी अभी तक उनसे मिलने या उनकी बात सुनने नहीं पहुंचा है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती वे इस कड़कडाती सर्दी में भी प्रदर्शन पर बैठे रहेंगे।
 इस खींचतान की मार मरीजों को झेलनी पड़ रही है
मेडिकल कॉलेज प्रशासन में व्याप्त अनियमितताओं के कारण एक ओर जहां कर्मचारी परेशान हैं तो दूसरी ओर यहां दूर दराज के इलाकों से आने वाले मरीज हलकान हैं। कर्मचारियों और मेडिकल कॉलेज प्रशासन के बीच इस खींचतान की मार मरीजों को झेलनी पड़ रही है। कर्मचारियों की हड़ताल पर मेडिकल कॉलेज के सीएमएस सचिन माहौर ने कहा कि संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति ठेकेदारों द्वारा की जाती है। नियुक्ति के बाद इन्हें मेडिकल कॉलेज में काम के लिए भेजा जाता है।वर्तमान में बाजपेयी ट्रेडर्स और ग्लोबल एजेंसी यह दो ठेकेदार हैं जो इन संविदा कर्मचारियों की नियक्ति करते हैं। इन ठेकेदारों का ठेका शासन द्वारा निकाला जाता है। शासन द्वारा निर्धारित किये गये ठेकेदार ही हमें संविदा कर्मचारी मुहैया कराते हैं। इनके वेतन की जम्मेदारी शासन की है।
 मरीजों की परेशानी को कम करने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं
उन्होंने बताया कि कर्मचारियो की परेशानी को लेकर इन ठेकेदारों से बात की गयी तो शासन को लगातार रिमांइडर भेजे जा रहे हैं और पत्राचार के साथ साथ दूरसंचार माध्यमों से भी शासन से लगातार मांग की जा रही है। बजट भी तक जारी नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा,‘‘ जहां तक मरीजों की समस्या की बात है तो मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी हड़ताल पर चले गये हैं तो समस्या काफी गंभीर है लेकिन मरीजों की परेशानी को कम करने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।’’ इस मामले पर जब मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया तो लगातार मीडिया के सवालों से बचते नजर आये। लगातार वह फोन काटते रहे और आखिरकार उन्होंने फोन उठाया ही नहीं।
Advertisement
Next Article