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बाज़ारों में बेची जा रही हैं KGMU मरीजों की दवाएं, उप मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई का दिया निर्देश

मरीजों की दवा बाजार में बेचने की घटना को उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने गंभीरता से लेते हुए केजीएमयू अफसरों से जांच कर तह तक पहुंचने के निर्देश दिए हैं।

05:07 PM Nov 26, 2022 IST | Desk Team

मरीजों की दवा बाजार में बेचने की घटना को उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने गंभीरता से लेते हुए केजीएमयू अफसरों से जांच कर तह तक पहुंचने के निर्देश दिए हैं।

बाज़ारों में बेची जा रही हैं kgmu मरीजों की दवाएं  उप मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई का दिया निर्देश
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) से दवा घोटाले का मामला सामने आया है। मरीजों की दवा बाजार में बेचने की घटना को उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने गंभीरता से लेते हुए केजीएमयू अफसरों से जांच कर तह तक पहुंचने के निर्देश दिए हैं। साथ ही एफटीएफ को भी पूरे मामले की तफ्तीश के लिए कहा है।
स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने बीते दिनों केजीएमयू की सस्ती दवा बाजार में बिक्री होने का खुलासा किया है। इस मामले में केजीएमयू व एसटीएफ जांच कर रही है। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने घटना पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि रोगियों को सस्ती दर पर दवाएं उपलब्ध कराने की कवायद चल रही है। सरकार गरीब मरीजों के हितों के लिए लगातार प्रयास कर रही है। 
चिकित्सालय के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों की वजह से सरकार की मेहनत पर पानी फिर रहा है। चिकित्सालय की छवि भी खराब हो रही है। यह बेहद गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारी व कर्मचारियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जायेगा। कठोर कार्रवाई की जायेगी। 

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उन्होंने कहा कि केजीएमयू प्रशासन पूरे मामले की जांच एक सप्ताह में पूरी करे। विस्तृत रिपोर्ट भेजे। किन लोगों पर कार्रवाई की गई? कार्रवाई के नाम पर क्या किया गया? यह भी अवगत कराया जाये। पाठक ने कहा कि केजीएमयू के एचआरएफ में दवाओं की बाजार में बिक्री के बाद लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान व संजय गांधी पीजीआई भी खास एहतियात बरते। क्योंकि यह सुविधा गरीब रोगियों के लिए हैं। 
इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। कहा कि जिस पटल पर पैसे से जुड़ी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। उनके कर्मचारियों का समय-समय पर पटल परिवर्तन करें। ओपीडी व भर्ती मरीजों के पर्चे की अधिकारी ऑडिट करें। ज्यादा बिकने वाले उत्पादों की निगरानी करें। अचानक किसी उत्पाद की बिक्री बढ़े तो उसके कारणों का पता जरूर लगायें। सीसीटीवी कैमरे लगाये जायें। ताकि दवा बाहर ले जाने पर अंकुश लगाया जा सके।
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