मेरठ के विकास को मिलेगी नई दिशा, CM योगी ने दिए अहम निर्देश
स्मार्ट मेरठ के लिए 93 परियोजनाएं, सीएम योगी ने समीक्षा की
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ को स्मार्ट, स्वच्छ और सस्टेनेबल शहर बनाने के लिए ‘इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान’ की समीक्षा की। 93 परियोजनाओं में से 6 पर काम शुरू हो चुका है। उन्होंने मेरठ की ऐतिहासिक और औद्योगिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाओं को पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ लागू करने के निर्देश दिए।
मेरठ को स्मार्ट, स्वच्छ और सस्टेनेबल शहर के रूप में विकसित करने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को ‘इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान’ की गहन समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि इस योजना के अंतर्गत कुल 93 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिनकी अनुमानित लागत लगभग 15 हजार करोड़ रुपये है। इनमें से 6 परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। सीएम योगी ने निर्देश दिए कि मेरठ की ऐतिहासिक, औद्योगिक और शैक्षणिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए सभी योजनाएं पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप क्रियान्वित की जाएं। उन्होंने कहा कि मेरठ स्वतंत्रता संग्राम से लेकर औद्योगिक विकास तक की यात्रा में एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। खेल उद्योग, शैक्षणिक संस्थान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से निकटता के कारण यह शहर विशेष पहचान रखता है। इसे खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार की प्रेरणादायी नगरी के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि शहर की भीड़-भाड़ और यातायात कंजेशन को दूर करने के लिए स्थानीय जिला प्रशासन, विकास प्राधिकरण और नगर निगम को समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए। उन्होंने स्मार्ट मेरठ नगर में केवल डिजिटल होर्डिंग लगाए जाने, पूरे नगर को सीसीटीवी कवरेज में लाने तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों और आम नागरिकों के सहयोग से निगरानी तंत्र को सशक्त बनाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कैमरों की फुटेज आवश्यकता पड़ने पर पुलिस को सुलभ होनी चाहिए।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और सिटी बस सेवा में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेरठ को पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकरणीय शहर के रूप में ढालना है। उन्होंने स्वच्छ नगर की परिकल्पना को साकार करने के लिए डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण को सुनिश्चित करने और नदियों के पुनर्जीवन के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि सीवर निस्तारण के लिए एसटीपी अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन ड्रेनेज को प्राकृतिक व्यवस्था से जोड़ना अधिक प्रभावी होगा।