वक्फ कानून पर Omar Abdullah से नाराज Mehbooba Mufti, मुसलमानों की सुरक्षा पर जताई चिंता
वक्फ कानून पर महबूबा का आरोप, मुस्लिम विरोधी एजेंडे पर झुकी सरकार
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून पर गरम माहौल के बीच महबूबा मुफ्ती ने मुसलमानों की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने उमर अब्दुल्ला पर आरोप लगाया कि वे मुस्लिम विरोधी मंत्री की प्रशंसा कर रहे हैं। महबूबा ने एनसी को तमिलनाडु सरकार से सीख लेने की सलाह दी और मुसलमानों की सुरक्षा पर जोर दिया।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर माहौल गरमा गया। सोमवार (7 अप्रैल) को मामला इतना बढ़ गया कि कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच हाथापाई हो गई और नौबत मारपीट तक पहुंच गई। इस पर पूर्व सीएम और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने प्रतिक्रिया दी है। मुफ्ती ने कहा, “आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जो हुआ, उससे मैं दुखी हूं। पूरे देश में मुसलमानों की हालत खराब है और उसके बाद एनआरसी और सीएए कानून लाए गए। जब इससे भी उनका मन नहीं भरा तो मुसलमानों से वक्फ का सहारा भी छीन लिया गया।”
‘मुझे डर है कि..’
उन्होंने आगे कहा कि अब मुसलमानों को कब्रिस्तान भी नहीं मिलेगा, ऐसी स्थिति है। मुझे डर है कि घर वापसी के तहत मुसलमान कब्रिस्तान के अभाव में शवों का अंतिम संस्कार करने को भी मजबूर हो जाएंगे। पीडीपी प्रमुख ने आगे कहा, “जम्मू-कश्मीर मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद यहां की सरकार ने कुछ नहीं किया। फारूक साहब को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी। हमें भी दिल्ली जाकर देशभर के मुसलमानों से बात करनी चाहिए थी। इसके उलट उमर अब्दुल्ला ट्यूलिप गार्डन में उस मंत्री की जी हुजूरी करते नजर आए, जिन्होंने मुसलमानों के गले पर वक्फ बिल का चाकू रखा।”
‘मैं देश के मुसलमानों से माफी मांगती हूं’
महबूबा मुफ्ती ने यह भी कहा, “मैं देश के मुसलमानों से शर्म के साथ माफी मांगती हूं कि हम उन मुसलमानों की बात नहीं कर पाए, जो दो राष्ट्रीय विचारों को खारिज करते हैं। जब ऑपरेशन ब्लू स्टार को लेकर कश्मीर में हड़ताल हुई थी, तो क्या आप आज मुसलमानों के लिए खड़े नहीं हो सकते थे?”
तमिलनाडु सरकार से सीख लेनी चाहिए: महबूबा
अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा, “यह बेहद निराशाजनक है कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा के स्पीकर ने वक्फ बिल पर प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। मजबूत जनादेश मिलने के बावजूद सरकार पूरी तरह से भाजपा के मुस्लिम विरोधी एजेंडे के आगे झुक गई है, जो दोनों पक्षों को खुश करने की कोशिश कर रही है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) तमिलनाडु सरकार से सीख ले सकती है, जिसने वक्फ बिल का कड़ा विरोध किया है। जम्मू-कश्मीर, जो एकमात्र मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, में यह चिंताजनक है कि कथित रूप से जन-केंद्रित सरकार में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस करने का साहस भी नहीं है।”
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