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Mahbuba Mufti ने J&K की स्थिति‍ पर जताई चिंता, सरकार से मांगा जवाब

अनुच्छेद 370 हटाने को महबूबा ने बताया अवैध, सरकार पर साधा निशाना

03:23 AM Mar 04, 2025 IST | IANS

अनुच्छेद 370 हटाने को महबूबा ने बताया अवैध, सरकार पर साधा निशाना

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर गहरी चिंता जताई। इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुद्दों पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने कहा कि हमने उम्मीद की थी कि लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) का संबोधन जम्मू-कश्मीर के लोगों की समस्याओं और उनकी इच्छाओं पर आधारित होगा, लेकिन इस संबोधन में उन समस्याओं का कोई समाधान नहीं था।

महबूबा मुफ्ती ने 2019 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अनुच्छेद 370 और 35ए को रद्द करने के फैसले को अवैध और संविधान के विरुद्ध करार दिया। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर धोखा था और यह कृत्य जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों का उल्लंघन था। हमने हमेशा इस कदम का विरोध किया है और हम इसे अवैध मानते हैं। इस दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) पर जुबानी हमला बोलते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी भाषा बदल गई है। महबूबा ने कहा क‍ि हमने कई बिल पेश किए हैं और सभी नेताओं को पत्र लिखकर समर्थन मांगा है।

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महबूबा ने यह भी कहा कि बीजेपी का एजेंडा जम्मू-कश्मीर के लिए काफी खतरनाक है, क्योंकि इससे राज्य के लोगों की स्थिति और भी खराब हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर में पिछले पांच वर्षों में बहुत कुछ खो गया है, विशेष रूप से रोजगार और संपत्ति के अधिकारों के संदर्भ में। हमारे यहां के लोग, विशेष रूप से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, लंबे समय से काम कर रहे हैं, लेकिन उनके हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। हमने इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

इसके अलावा, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में भूमि अधिकारों की रक्षा की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी भूमि का उपयोग बिना किसी उचित प्रक्रिया के बाहरी उद्योगपतियों को सौंपा जा रहा है, जबकि यहां के स्थानीय लोग अपनी जमीन खो रहे हैं। कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अगर सरकार कश्मीरी पंडितों की वापसी को लेकर गंभीर है, तो उन्हें चुनाव में दो आरक्षित सीटें देनी चाहिए थीं। यह कदम एक बेहतर समाधान हो सकता था। इस दौरान उन्होंने सरकार से अपील की कि वह जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक बंदियों की स्थिति पर ध्यान दे और उनकी रिहाई की दिशा में काम करे। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार इस मुद्दे को केंद्र सरकार के साथ उठाए और हमारे राजनीतिक बंदियों की सूची जारी करें, ताकि उनके परिवारों को उनके बारे में जानकारी मिल सके।

इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर में बढ़ते शराब के सेवन और ड्रग्स की समस्या पर भी मुफ्ती ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि शराब की दुकानों की संख्या में वृद्धि हुई है और इससे हमारी युवा पीढ़ी में नशे की लत बढ़ रही है। हम चाहते हैं कि इस पर कड़ी कार्रवाई की जाए और शराब संस्कृति पर प्रतिबंध लगाया जाए।

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