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मेहुल चोकसी ने पंजाब एंड सिंध बैंक से 44.1 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की

फिलहाल, भारत मामा-भांजे को कानून के कठघरे में लाने के लिए एंटीगुआ और बारबाडोस और ब्रिटेन से दोनों के प्रत्यपर्ण के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

11:21 AM Oct 12, 2019 IST | Desk Team

फिलहाल, भारत मामा-भांजे को कानून के कठघरे में लाने के लिए एंटीगुआ और बारबाडोस और ब्रिटेन से दोनों के प्रत्यपर्ण के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

पंजाब एंड सिंध बैंक ने शनिवार को खुलासा किया कि भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से 44.1 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। यह पहली बार है, जब 111 साल पुराने बैंक ने चोकसी द्वारा की गई धोखाधड़ी के बारे में खुलकर जानकारी दी है, जो अब एंटीगुआ और बारबाडोस, वेस्ट इंडीज का नागरिक है। नई दिल्ली स्थित पीएसबी ने उसे ‘विलफुल डिफॉल्टर’ घोषित करने के लिए नोटिस जारी किया है। 
पीएसबी के अनुसार, चोकसी की कंपनी, गीतांजलि जेम्स लिमिटेड ने बैंक से कर्ज लिया था। यही नहीं गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के साथ मर्ज की गई उसकी कंपनी गीतांजलि एक्सपोर्ट्स लिमिटेड ने भी बैंक से कर्ज लिया था। चोकसी कंपनी में एक निदेशक और गारंटर है और कानूनी तौर पर लोन अकाउंट की जिम्मेदारी गुनियाल चोकसी पर है। हालांकि, चूंकि वह ऋण राशि को मंजूरी देने में विफल रहे, इसलिए पीएसबी ने इसे 31 मार्च, 2018 को गैर निष्पादित संपत्ति’ (नॉन परफॉर्मिग असेट) घोषित कर दिया। 
बैंक ने चोकसी से 23 अक्टूबर, 2018 तक कर्ज की राशि, ब्याज और अन्य शुल्कों का भुगतान करने के लिए कहा था, लेकिन वह नहीं कर पाया और पीएसबी ने 17 सितंबर, 2019 को उसे ‘विलफुल डिफाल्टर’ घोषित कर दिया। इसके साथ, चोकसी विभिन्न क्षेत्रों के 27 अन्य डिफॉल्टरों की बैंक की सूची में शामिल हो गया। 
नए घटनाक्रम के बाद पीएसबी सरकारी स्वामित्व वाला ऐसा तीसरा बैंक बन गया है, जिसने चोकसी और नीरव मोदी की धोखाधड़ी का खुलासा किया है। इसके पहले ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने चोकसी और उनके भतीजे नीरव मोदी पर लगभग 289 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप लगाया था। (आईएएनएस स्टोरी, 6 सितंबर, 2019)। 
हीरा कारोबारी ‘मामा-भांजे’ फरवरी 2018 में उस समय सुर्खियों में आए, जब पंजाब नेशनल बैंक ने दोनों पर 13,500 करोड़ रुपये से अधिक का धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। ट्रेड यूनियन्स जॉइंट एक्शन कमेटी (टीयूजेएसी), महाराष्ट्र के संयोजक विश्वास उटागी ने आईएएनएस को बताया, ‘लगातार घाटे में चल रही पीएसबी के अलावा कई अन्य बैंकों ने चोकसी-मोदी और उनके समूह की कंपनियों के बारे में खुलासा किया है। अपना बकाया वसूलने के लिए कानूनी कार्रवाई करने के लिए सभी सरकारी बैंक साथ क्यों नहीं आते हैं।’
उटागी ने कहा कि अन्य बड़े सवाल ये हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य प्रभावित बैंकों में विदेशी मुद्रा विनिमय में काम करने वाले विभागों और अधिकारियों के खिलाफ क्या कदम उठाए गए हैं। आरोपी (नीरव मोदी-चोकसी और अन्य) से कितनी बकाया राशि बरामद हुई है? और कहीं बैंकों के आगामी विलय से पहले क्या अभी तक हो रहे खुलासे दबाव में हो रहे हैं। 
इस साल की शुरुआत में, भारतीय स्टेट बैंक(एसबीआई) ने पहली बार चोकसी और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा 405 करोड़ रुपये का धोखाधड़ी करने का खुलासा किया था। एसबीआई का यह खुलासा यह बात सार्वजनिक होने के दो दिन बाद सामने आया था कि चोकसी ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़कर एंटीगुआ और बारबाडोस आइलैंड्स की नागरिकता ले ली है। 
इस साल मार्च में, भारत में लाखों लोग अच्छे कपड़े पहने लंदन की सड़कों पर बड़े आराम से चहलकदमी करते नीरव मोदी को देखकर हैरान रह गए थे। बाद में ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा नीरव मोदी को गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल, भारत मामा-भांजे को कानून के कठघरे में लाने के लिए एंटीगुआ और बारबाडोस और ब्रिटेन से दोनों के प्रत्यपर्ण के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। 
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