Metro In Dino : रिश्तों की उलझनों को सुलझाती एक इमोशनल सफर की कहानी
सिनेमा का असली मकसद होता है आपको महसूस कराना, और अनुराग बसु की ‘मैट्रो इन दिनों’ यही करती है – आपको महसूस कराती है कि सिनेमा अब भी आपको हील कर सकता है।
4 जुलाई को रिलीज़ होने वाली ‘Metro In Dino’ कोई आम फिल्म नहीं है। यह फिल्म रिश्तों के उन कॉम्प्लेक्स को दिखाती है, जिसे हम में से ज्यादातर लोग जी चुके हैं या जी रहे हैं। अनुराग बसु का निर्देशन, प्रीतम का संगीत और एक से बढ़कर एक कलाकारों की परफॉर्मेंस मिलकर इसे एक सिनेमाई अनुभव बना सकता है, जो लंबे वक्त तक याद रहेगा।
कहानी: एक शहर, कई रिश्ते
फिल्म की कहानी एक शहर के अंदर घूमती है, जहां कई रिश्तों की कहानियां एक साथ चलती हैं। हर कहानी अपने आप में पूरी है, लेकिन फिर भी सभी एक-दूसरे से जुड़ी हुई लगती हैं।
- पंकज त्रिपाठी और कोंकणा सेन शर्मा – एक मिडिल ऐज कपल, जिनकी शादी अब बोरिंग हो चुकी है। उनमें बातचीत कम हो गई है, प्यार की चिंगारी बुझ चुकी है। लेकिन क्या प्यार वाकई खत्म हो जाता है?
- उनकी बेटी – एक टीनएजर जो खुद की पहचान को लेकर उलझन में है। वह जानना चाहती है कि वो लेस्बियन है या स्ट्रेट। एक जेनरेशन की नई दुविधा,
- अली फजल और फातिमा सना शेख – लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में हैं। दोनों करियर और रिश्ते के बीच झूलते रहते हैं। प्यार है, लेकिन रास्ते अलग-अलग हैं।
- आदित्य रॉय कपूर और सारा अली खान – आदित्य एक बेफिक्र लड़का है, जबकि सारा रिलेशन में है। दोनों का रिश्ता कैसे आगे बढ़ता है, ये दिलचस्प है।
- नीना गुप्ता और अनुपम खेर – एक अधेड़ उम्र की महिला की कहानी जो पुराने प्यार से फिर से मिलती है। ये रिश्तों का सबसे सुंदर और सच्चा रूप है, जो आपको अंदर तक छू जाता है।
कैसी है फिल्म की ट्रीटमेंट?
फिल्म किसी एक समस्या पर टिककर नहीं चलती। ये उन सारी परेशानियों को दिखाती है, जिन्हें हम रोजमर्रा की जिंदगी में नज़रअंदाज कर देते हैं – रिश्तों में आई दरारें, अकेलापन, पहचान की खोज, और प्यार की परिभाषा। फिल्म के हिस्से ट्रेलर में बेहद स्ट्रॉन्ग लगते है। आप हर सीन से जुड़ते जाते हैं। डायरेक्शन की बात करें तो अनुराग बसु की स्टोरीटेलिंग में एक खासियत है – वो बिना शोर मचाए दिल की बात कह जाते हैं। वो रिश्तों की उलझनों को नाटक बनाकर नहीं दिखाते, बल्कि एक टच की तरह रखते हैं। उनकी फिल्में वक्त मांगती हैं, लेकिन एक बार दिल में जगह बना लेती हैं तो लंबे समय तक वहीं रहती हैं।
अभिनय में कौन सबसे आगे?
- पंकज त्रिपाठी – एक बेहद सधा हुआ और रियल किरदार निभाया है।
- कोंकणा सेन – उनके हावभाव और आँखों की एक्टिंग कमाल है।
- नीना गुप्ता और अनुपम खेर – इनका ट्रैक आपको हसा भी देता है और रुला भी देता है।
- आदित्य रॉय कपूर – अपने अंदाज में फिट हैं।
- सारा अली खान – इस बार थोड़ा मैच्योर परफॉर्मेंस करता दिख रही है।
- अली फजल और फातिमा – बहुत रियल और ग्राउंडेड अभिनय।
म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर
प्रीतम का म्यूजिक फिल्म की सोल है। गाने कहानी का हिस्सा बनते हैं, न कि ब्रेक। खासकर टाइटल ट्रैक और आदित्य-सारा वाला ट्रैक दिल में बस जाता है।
क्यों देखें ये फिल्म?
- अगर आप रिश्तों की गहराई को समझना चाहते हैं
- अगर आप एक हीलिंग सिनेमा का अनुभव लेना चाहते हैं
- अगर आप अभिनय और कहानी का खूबसूरत मेल देखना चाहते हैं
तो यह फिल्म आपके लिए है।