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Middle East Conflict: ट्रंप ने बीच में छोड़ा G7 समिट, जाते-जाते तेहरान को दे दी ये चुनौती!

आखिर ट्रंप ने बीच में क्यों छोड़ा G7 समिट?

02:21 AM Jun 17, 2025 IST | Amit Kumar

आखिर ट्रंप ने बीच में क्यों छोड़ा G7 समिट?

middle east conflict  ट्रंप ने बीच में छोड़ा g7 समिट  जाते जाते तेहरान को दे दी ये चुनौती

ट्रंप की अचानक वापसी के पीछे सबसे बड़ी वजह मिडल ईस्ट में जारी संघर्ष है. वे वहां के हालात पर सीधा नियंत्रण चाहते हैं और इसके लिए उन्हें वॉशिंगटन लौटना ज़रूरी समझा. जाते-जाते उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इशारों-इशारों में यह भी कह दिया कि अगर तनाव खत्म नहीं हुआ, तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा.

Donald Trump: कनाडा में आयोजित हो रही G7 समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चौंकाने वाला कदम उठाया है. उन्होंने तय कार्यक्रम से पहले ही इस उच्चस्तरीय बैठक से विदा ले लिया. ट्रंप ने यह फैसला मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव और अमेरिका की घरेलू सुरक्षा तैयारियों के मद्देनज़र लिया. बैठक के दौरान उन्होंने कुछ कड़े संदेश भी दिए, जिनमें तेहरान के लोगों को राजधानी खाली करने की चेतावनी तक शामिल है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप की अचानक वापसी के पीछे सबसे बड़ी वजह मिडल ईस्ट में जारी संघर्ष है. वे वहां के हालात पर सीधा नियंत्रण चाहते हैं और इसके लिए उन्हें वॉशिंगटन लौटना ज़रूरी समझा. जाते-जाते उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इशारों-इशारों में यह भी कह दिया कि अगर तनाव खत्म नहीं हुआ, तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा. इसके साथ ही व्हाइट हाउस में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को अलर्ट पर रहने के निर्देश भी दे दिए गए हैं.

पहले भी ट्रंप बीच में छोड़ चुके हैं समिट

यह पहला मौका नहीं है जब ट्रंप ने कनाडा में G7 सम्मेलन को अधूरा छोड़ा है. 2018 में भी क्यूबेक में हो रही G7 समिट को उन्होंने बीच में छोड़कर सिंगापुर की उड़ान भरी थी, जहां उनकी उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से ऐतिहासिक मुलाकात तय थी. उस समय भी ट्रंप ने साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था और कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को ‘कमजोर’ और ‘बेईमान’ कहकर आलोचना का केंद्र बन गए थे.

साझा बयान से किया किनारा

जब बाकी सभी G7 देशों ने मिलकर एक साझा बयान तैयार किया, जिसमें युद्धविराम की अपील की गई थी, तब ट्रंप ने इससे खुद को अलग कर लिया. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के अनुसार, ट्रंप किसी शांतिवार्ता के फॉर्मूले पर विचार कर रहे थे, लेकिन उनके बयानों में तल्खी साफ देखी गई.

इस घटनाक्रम से ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को खासा धक्का लगा, जो ट्रंप से अपनी पहली बैठक के लिए उत्साहित थे. इस बैठक में AUKUS परमाणु पनडुब्बी सौदे और व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा होनी थी.

Donald Trump

‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति पर अडिग ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप शुरू से ही अपनी ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति को प्राथमिकता देते आए हैं. फिर चाहे वह जलवायु परिवर्तन से जुड़ी वैश्विक बैठकें हों, व्यापार समझौते हों या G7 जैसे मंच. ट्रंप का मानना है कि अगर घरेलू हालात गंभीर हों, तो अंतरराष्ट्रीय मंचों को छोड़ना गलत नहीं है. एक बार फिर, उन्होंने इसी सोच के तहत यह कदम उठाया और साफ कर दिया कि अमेरिका के हित उनके लिए सर्वोपरि हैं.

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